यह बयान नीतीश कुमार सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख को बयान कर रहा है। चौधरी ने अपराधियों की संपत्तियों को जब्त करने की प्रक्रिया को तेज करने का भी संकेत दिया। उन्होंने कहा कि अपराध के मामलों को फास्ट ट्रैक कोर्ट से 3-6 महीने में निपटाया जाएगा और सजा सुनिश्चित होगी। इसके अलावा, लालू परिवार के महुआबाग स्थित आलीशान बंगले पर भी नजरें टिकी हैं, जो कथित तौर पर घोटाले के पैसे से बना माना जा रहा है। इस बंगले में 8 बेडरूम, ड्रॉइंग हॉल, पूजा कक्ष, गार्डन और पार्किंग जैसी सुविधाएं हैं।
आरजेडी नेताओं ने अभी तक इस बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन सोशल मीडिया पर चर्चा तेज हो गई है। जनता दल (यूनाइटेड) के नेता नीरज कुमार ने सम्राट चौधरी के इस फैसले का खुला समर्थन किया है। उन्होंने कहा, “यह एक स्वागतयोग्य कदम है। भ्रष्टाचारियों की संपत्ति से समाज का भला होना चाहिए।” वहीं, एक्स (पूर्व ट्विटर) पर कई यूजर्स ने इस घोषणा को साझा करते हुए नीतीश सरकार की तारीफ की, जबकि कुछ ने इसे राजनीतिक बदले की भावना बताया।
चारा घोटाला बिहार की राजनीति का एक पुराना अध्याय है, जिसमें लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के कई सदस्यों पर आरोप लगे थे। 1990 के दशक में शुरू हुए इस घोटाले ने राज्य की वित्तीय व्यवस्था को झकझोर दिया था। अब नई सरकार के इस फैसले से शिक्षा क्षेत्र में नया आयाम जुड़ सकता है, लेकिन कानूनी प्रक्रिया पूरी होने तक यह योजना अमल में आने में समय लग सकता है।

