नोएडा। पिछले 15 वर्षो में लेबर सेस रूप में सबसे ज्यादा 186.43 करोड़ रुपये वित्तीय वर्ष 2023-24 में जमा किये गए हैं। इससे पहले 2010-11 में यह धनराशि मात्र 9.81 करोड़ रुपये तक ही जमा की जाती थी। दूसरे नंबर पर वर्ष 2021-22 में 162.18 करोड़ रुपये विभाग में लेबर सेस जमा हुए। विभाग की ओर से इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी गई है। खास बता ये है कि इस पैसे को विभाग की ओर से श्रमिकों के उत्थान के लिए खर्च किया जाएगा। श्रमिकों के बच्चों के लिए वर्ल्ड क्लास स्तर के स्कूल बनाए जा रहे हैं। बुलंदशहर में मेरठ ज़ोन का पहला अटल आवासीय विद्यालय बन चुका है। जो लेबर सेस के पैसे से ही चलाया जा रहा है।
ये है पिछले 15 सालों के आकड़े
2009-10 – 103800
2010-11- 9.81 करोड़
2011-12- 51.59 करोड़
2012-13- 84.23 करोड़
2013-14- 139.29 करोड़
2014-15 – 158.30 करोड़
2015-16- 138.94 करोड़
2016-17- 151.72 करोड़
2017-2018- 146.18 करोड़
2018-19- 11.13 करोड़
2019- 20- 107.79 करोड़
2020-21- 162.18 करोड़
2021-22- 94.36 करोड़
2022-2023- 153.80 करोड़
2023-2024- 186,43 करोड़
10 लाख से अधिक के निर्माण कार्य पर 1 प्रतिशत लगता है लेबर सेस
विभाग के नियम अनुसार सन् 2009 के बाद से 10 लाख से अधिक के निर्माण पर एक प्रतिशत लेबर सेस का देना अनिवार्य है। इसके जरिए मिलने वाली रकम का प्रयोग श्रमिकों के हित में चलाई जा रही योजनाओं में किया जाता है, ताकि उनका जीवन स्तर बेहतर हो सके। जिले को प्राप्त होने वाले लेबर सेस में सबसे ज्यादा निजी क्षेत्र में हुए निर्माण कार्य से मिलता है। लेबर सेस जमा करने में जिले का नाम सर्वश्रेष्ठ जिलों में शामिल है।
अपर श्रमायुक्त सरजू राम शर्मा बोले
अपर श्रमायुक्त सरजू राम शर्मा ने बताया कि सबसे ज्यादा लेबर सेस 2023-24 में जमा हुआ है। वित्तीय वर्ष 2010-11 में 9.81 करोड़ रुपये लेबर सेस विभाग को मिला है। जबकि 2023-24 186.43 करोड़ जमा हुए हैं। इसके बाद 2021-22 में 162.18 करोड़ रुपये जमा हुए थे।
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