क्रेमलिन प्रवक्त का प्रेस ब्रीफिंग, पुतिन की भारत यात्रा से पहले महत्वपूर्ण खुलासे

Moscow News: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की आगामी भारत यात्रा से पहले क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने स्पुतनिक इंडिया के तत्वावधान में भारतीय पत्रकारों के लिए एक विशेष ऑनलाइन प्रेस ब्रीफिंग आयोजित की। यह ब्रीफिंग 2 दिसंबर को दोपहर 1:30 बजे भारतीय समय पर हुई, जिसमें द्विपक्षीय संबंधों, रक्षा सहयोग, व्यापार और वैश्विक मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई। पेस्कोव ने इस यात्रा को रूस-भारत के विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने का महत्वपूर्ण अवसर बताया।

पुतिन की यह राज्य यात्रा 4-5 दिसंबर को होने वाली है, जैसा कि भारत के विदेश मंत्रालय ने पहले पुष्टि कर चुका है। क्रेमलिन के अनुसार, यह यात्रा राजनीतिक, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी, सांस्कृतिक और मानवीय क्षेत्रों में व्यापक एजेंडे पर चर्चा का मंच बनेगी। पेस्कोव ने कहा, “हम इस वर्ष के अंत से पहले पुतिन की भारत यात्रा की सक्रिय तैयारी कर रहे हैं। यह एक सार्थक यात्रा होगी।” उन्होंने जोर दिया कि यात्रा के दौरान कई प्रमुख दस्तावेजों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है, हालांकि विवरणों का खुलासा बाद में किया जाएगा।

रक्षा सहयोग पर फोकस
ब्रीफिंग का एक प्रमुख हिस्सा रक्षा क्षेत्र का था। पेस्कोव ने रूसी एसयू-57 फाइटर जेट को “दुनिया का सर्वश्रेष्ठ लड़ाकू विमान” करार दिया। उन्होंने कहा, “एसयू-57 का मुद्दा निश्चित रूप से पुतिन की भारत यात्रा के एजेंडे में होगा।” रूस ने भारत को इस पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट के सह-उत्पादन की पेशकश की है, जिस पर भारत अभी निर्णय ले रहा है। इसी तरह, एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम को लेकर भी उत्साहजनक संकेत मिले। पेस्कोव ने स्पष्ट कहा, “मुझे कोई संदेह नहीं कि यह यात्रा के दौरान चर्चा का विषय बनेगा।”

पेस्कोव ने भारत को रूसी हथियारों के लिए सबसे अनुकूल शर्तें देने का वादा किया, जिसमें तेल बिक्री पर लगे प्रतिबंधों के बावजूद रूस का “गहरा अनुभव” साझा करने का जिक्र किया। उन्होंने भारतीय छात्रों के लिए सर्वोत्तम शैक्षिक सुविधाओं की पेशकश का भी उल्लेख किया।

व्यापार और आर्थिक साझेदारी
आर्थिक संबंधों पर बोलते हुए पेस्कोव ने कहा कि रूस भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है और “किसी तीसरे पक्ष को इसमें हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं देंगे।” उन्होंने यूरोप की तुलना में भारत को रूस के साथ “वास्तविक संवाद” करने वाला साझेदार बताया। रूस भारत से अधिक खरीदारी करने को इच्छुक है, खासकर ऊर्जा और तकनीकी क्षेत्रों में। पेस्कोव ने भारत और चीन को रूस के रणनीतिक साझेदारों के रूप में सराहा।

वैश्विक मुद्दे
ब्रीफिंग में वैश्विक संदर्भ भी प्रमुख रहे। पेस्कोव ने रूस की यूक्रेन में शांति वार्ता की इच्छा जताई, लेकिन कहा कि “सीएसटीओ के ढांचे में निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करना जरूरी है।” उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विट्कॉफ के साथ पुतिन की बैठक का जिक्र किया, जो लगभग पांच घंटे बाद होने वाली थी। पेस्कोव ने इसे “शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में महत्वपूर्ण कदम” बताया। इस बैठक में वाशिंगटन और कीव के बीच पहुंचे समझौतों पर चर्चा होगी।

पेस्कोव ने भारत की यूक्रेन संघर्ष में शांतिपूर्ण समाधान की पहल की सराहना की और कहा कि रूस यूरोप की तरह युद्ध को बढ़ावा नहीं दे रहा। उन्होंने फ्रोजन रूसी संपत्तियों पर भी टिप्पणी की, लेकिन विवरण साझा नहीं किए।

यात्रा की तैयारी और उम्मीदें
क्रेमलिन ने स्पष्ट किया कि यात्रा के दौरान श्रम गतिशीलता समझौते जैसे मुद्दों पर अंतिम निर्णय बाद में लिया जाएगा। भारतीय मीडिया ने व्यापक भागीदारी के साथ ब्रीफिंग में सवाल पूछे, जो रूस-भारत संबंधों की गहराई को दर्शाता है। पेस्कोव ने अंत में कहा, “हमारी साझेदारी तीसरे पक्ष के दबाव से मुक्त रहेगी।”

यह ब्रीफिंग पुतिन-मोदी शिखर सम्मेलन की पूर्व संध्या पर दोनों देशों के बीच मजबूत बंधनों को रेखांकित करती है। यात्रा से न केवल द्विपक्षीय व्यापार को बल मिलेगा, बल्कि वैश्विक शांति प्रयासों में भी नया आयाम जुड़ेगा।

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