Kerala Local Body Election Results 2025: बीजेपी ने तिरुवनंतपुरम में ऐतिहासिक जीत दर्ज की, यूपीएफ ने बहुमत हासिल कर लेफ्ट की सत्ता हिलाई

Kerala Local Body Election Results 2025: केरल के स्थानीय निकाय चुनावों के परिणामों ने राजनीतिक समीकरणों को पूरी तरह बदल दिया है। भाजपा-नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने राज्य की राजधानी तिरुवनंतपुरम नगर निगम में ऐतिहासिक जीत हासिल कर वाम मोर्चा (एलडीएफ) की 45 वर्ष पुरानी सत्ता को उखाड़ फेंका। वहीं, कांग्रेस-नीत यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूपीएफ) ने चार नगर निगमों और अधिकांश पंचायतों में जबरदस्त प्रदर्शन कर एलडीएफ को कड़ी चुनौती दी।

चुनाव आयोग के अनुसार, तिरुवनंतपुरम नगर निगम के 101 वार्डों में एनडीए ने 50 सीटें जीत लीं, जबकि सत्ताधारी एलडीएफ को 29 और यूपीएफ को 19 सीटें मिलीं। दो सीटें निर्दलीय उम्मीदवारों के पास गईं। एक सीट पर उम्मीदवार की मृत्यु के कारण मतदान रद्द हो गया था। यह जीत भाजपा के लिए मील का पत्थर साबित हुई, क्योंकि पार्टी ने 2010 में यहां सिर्फ छह काउंसलर चुने थे, 2015 में 35 और 2020 में 34। राज्य इकाई के अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर के नेतृत्व में भाजपा ने विकास के एजेंडे पर जोर दिया और “विकसित तिरुवनंतपुरम” का नारा बुलंद किया। चंद्रशेखर ने जीत के बाद कहा, “यह हर भाजपा कार्यकर्ता के लिए ऐतिहासिक विजय है। हमने एलडीएफ और यूपीएफ के कठोर इलाकों में अपनी पैठ बढ़ाई है। कांग्रेस और लेफ्ट भ्रष्ट जुड़वां भाई हैं।”

यूपीएफ की बड़ी बढ़त, एलडीएफ की सत्ता डगमगाई
समग्र परिणामों में यूपीएफ ने छह नगर निगमों में से चार (कोच्चि, थ्रिसूर, कोल्लम और कन्नूर) में बहुमत हासिल किया, जबकि एलडीएफ कोझिकोड में टिका रहा। एनडीए को तिरुवनंतपुरम के अलावा पालक्कड़ नगरपालिका में तीसरी लगातार जीत मिली, जहां पार्टी ने 53 में से 25 सीटें बटोरीं। पंचायत स्तर पर यूपीएफ ने ग्राम पंचायतों में 495, ब्लॉक पंचायतों में 81 और जिला पंचायतों में सात में बढ़त बनाई। एलडीएफ को ग्राम पंचायतों में 348, ब्लॉक में 64 और जिला स्तर पर सात सीटें मिलीं। एनडीए को ग्राम पंचायतों में सिर्फ 26 जगहों पर सफलता मिली।

यूपीएफ नेता शामा मोहम्मद ने कहा, “यह शानदार परिणाम है! यूपीएफ ने चार निगमों, अधिकांश पंचायतों और नगरपालिकाओं पर कब्जा किया। 2026 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस सत्ता में लौटेगी।” वहीं, एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने एलडीएफ की हार को साबरीमाला मंदिर से सोने की चोरी के मुद्दे और भ्रष्टाचार से जोड़ा। उन्होंने कहा, “लोगों ने लेफ्ट के प्रति गुस्सा जाहिर किया है।”

विकास और हिंदुत्व का मिश्रण
भाजपा ने तिरुवनंतपुरम पर फोकस करते हुए हिंदुत्व वोट बैंक का इस्तेमाल किया, खासकर साबरीमाला सोने चोरी के आरोपों को। पार्टी ने घोषणा की कि जीत के 45 दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विकास योजना की घोषणा करेंगे। हालांकि, चुनाव से पहले एक काउंसलर की आत्महत्या और आरएसएस कार्यकर्ता की मौत जैसी घटनाओं ने पार्टी को झटका दिया, लेकिन चंद्रशेखर ने इन्हें संभाल लिया।

एलडीएफ ने कल्याणकारी योजनाओं पर जोर दिया, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों और साबरीमाला विवाद ने उसकी राह में रोड़ा अटकाया। यूपीएफ ने राजनीतिक मुद्दों और घोटालों को उठाकर लेफ्ट को निशाना बनाया। मतदान दो चरणों में 9 और 11 दिसंबर को हुआ, जिसमें पहले चरण में 70.91% और दूसरे में 76.08% मतदाता सक्रिय रहे। कुल 1,199 स्थानीय निकायों में से 1,199 में चुनाव हुए, जबकि कन्नूर के मट्टनूर में 2027 तक स्थगित हैं।

2026 विधानसभा चुनावों पर असर
ये परिणाम 2026 के विधानसभा चुनावों के लिए संकेत दे रहे हैं, जहां स्थानीय निकायों की जीत अक्सर राज्य स्तर पर ट्रेंड सेट करती है। 2010 और 2015 के स्थानीय चुनावों के बाद यूपीएफ ने 2011 और 2016 में सत्ता हासिल की थी। भाजपा को तिरुवनंतपुरम से आत्मविश्वास मिला है, जहां 2024 लोकसभा चुनावों में उसने नेमोम, वट्टियूरकावु और कझकोट्टम में बढ़त बनाई थी।

राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, परिणाम शनिवार दोपहर तक स्पष्ट हो जाएंगे। राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं में उत्साह का माहौल है, लेकिन कोझिकोड जैसे इलाकों में तनाव की भी खबरें आई हैं। यह चुनाव न केवल स्थानीय शासन को प्रभावित करेगा, बल्कि केरल की राजनीति को नया मोड़ देगा।

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