केरल सरकार SIR से परेशान, लगाई कोर्ट में गुहार

Kerala Government/Supreme Court News: केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर भारत निर्वाचन आयोग (ECI) से राज्य में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन संशोधन (Special Intensive Revision – SIR) को टालने का अनुरोध किया है। सरकार का कहना है कि यह व्यापक और जटिल प्रक्रिया 4 नवंबर से 4 दिसंबर 2025 तक चल रही है, जो ठीक उसी समय चल रही स्थानीय निकाय चुनावों (पंचायत-नगरपालिका चुनाव) के साथ टकरा रही है।
याचिका में कहा गया है कि दोनों काम एक साथ कर पाना लगभग असंभव है क्योंकि
• SIR के लिए 1.76 लाख सरकारी और अर्ध-सरकारी कर्मचारियों की जरूरत है।
• अतिरिक्त 68 हजार पुलिस और सुरक्षा बल भी तैनात करने पड़ेंगे।
• SIR के लिए अलग से 25,668 अतिरिक्त कर्मचारियों की जरूरत है।
• इतने बड़े पैमाने पर कर्मचारियों को एक साथ चुनाव ड्यूटी और SIR में लगाने से राज्य का दैनिक प्रशासन ठप हो सकता है।

केरल में स्थानीय निकाय चुनाव 
• 9 दिसंबर: तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, पठानमथिट्टा, अलप्पुझा, कोट्टायम, इडुक्की और एर्नाकुलम जिले
• 11 दिसंबर: त्रिशूर, पलक्कड़, मलप्पुरम, कोझिकोड, वयनाड, कन्नूर और कासरगोड जिले
मतगणना 13 दिसंबर को और चुनाव प्रक्रिया 18 दिसंबर तक पूरी करनी है। संवैधानिक और कानूनी प्रावधानों के तहत हर पाँच साल में स्थानीय निकायों का चुनाव अनिवार्य है, इसलिए इन्हें टाला नहीं जा सकता।

केरल सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह SIR की संवैधानिक वैधता से सहमत नहीं है और इसे लोकतंत्र के लिए अनुकूल नहीं मानती, लेकिन वर्तमान याचिका का मुख्य मुद्दा सिर्फ़ इसका समय है, न कि इसकी वैधता। सरकार का कहना है कि SIR के लिए तैनात कर्मचारियों को स्थानीय निकाय चुनाव में नहीं लगाया जा सकता, और दोनों काम एक साथ चलाने से गंभीर प्रशासनिक संकट पैदा हो जाएगा।

केरल में कुल 1,200 स्थानीय स्वशासी संस्थाएँ हैं, जिनमें 941 ग्राम पंचायतें, 152 ब्लॉक पंचायतें, 14 जिला पंचायतें, 87 नगरपालिकाएँ और 6 महानगर निगम शामिल हैं। इनमें कुल 23,612 वार्ड हैं।

अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट क्या फ़ैसला लेता है, इस पर सभी की निगाहें टिकी हैं।

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