अदालत की कार्यवाही का सारांश
एर्नाकुलम प्रिंसिपल सेशंस जज हनी एम. वर्गीज ने सुबह 11 बजे कोर्ट हॉल में फैसला सुनाया। अदालत पहुंचने से पहले भारी पुलिस बल तैनात किया गया था, क्योंकि मामला संवेदनशील होने के कारण हाई-प्रोफाइल व्यक्तियों की संलिप्तता थी। अभिनेता दिलीप, जो मामले में आठवें आरोपी के रूप में नामित थे, अपने भाई अनूप और दोस्त सारथ के साथ अलुवा से कोर्ट पहुंचे। अन्य आरोपी भी वकीलों के साथ मौजूद थे।
कोर्ट ने फैसले में कहा कि दिलीप पर लगे साजिश रचने, पीड़िता को अपमानित करने और अश्लील वीडियो बनाने के आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष सबूत नहीं मिले। हालांकि, आरोपी नंबर 1 एन.एस. सुनील उर्फ पल्सर सुनी सहित पहले छह आरोपियों को अपहरण, बलात्कार, आपराधिक साजिश और अन्य धाराओं के तहत दोषी पाया गया। इनमें से सुनील पर मुख्य रूप से अपराध का प्रत्यक्ष क्रियान्वयन करने का आरोप था, जिसमें पीड़िता को एक चलती कार में अगवा कर बलात्कार किया गया और घटना का वीडियो बनाया गया।
पुलिस ने बताया कि सजा पर बहस अगले सुनवाई में होगी, लेकिन दोषी पाए गए आरोपी गिरफ्तारी के बाद न्यायिक हिरासत में भेजे जा चुके हैं।
पीड़िता और समर्थकों की प्रतिक्रिया
पीड़िता की वकील टी.बी. मिनी ने फैसले पर निराशा जताई, लेकिन कहा, “हमने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष सबूत पेश किए थे, फिर भी साजिश के मुख्य सूत्र को बचा लिया गया। पीड़िता गंभीर आघात से गुजर रही है।” उन्होंने अपील दायर करने की योजना जताई।
महिलाओं इन सिनेमा कलेक्टिव (डब्ल्यूसीसी) ने सोशल मीडिया पर ‘अवळ्कोप्पम’ (उसके साथ) का नारा दोहराते हुए कहा, “3215 दिनों की न्याय की प्रतीक्षा के बाद यह आंशिक जीत है। हम पीड़िता और हर उत्तरजीवी के साथ खड़े हैं।” कलेक्टिव ने इस मामले को केरल की फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं की सुरक्षा के लिए उत्प्रेरक बताया, जिसके परिणामस्वरूप के. हेम कमीशन का गठन, फिल्म सेटों पर आंतरिक शिकायत समितियां और राज्य सरकार की फिल्म नीति बनी।
थ्रिक्ककारा विधायक उमा थॉमस ने बताया कि उनके दिवंगत पति पी.टी. थॉमस, जो मामले के शुरुआती जांचकर्ताओं में से एक थे, को गवाही न देने के लिए दबाव का सामना करना पड़ा था। उन्होंने कहा, “न्याय की 50-50 संभावना थी, लेकिन प्रमुख आरोपी बच गए तो पीड़िता की सुरक्षा जरूरी है।”
मामले का पृष्ठभूमि
यह मामला 17 फरवरी 2017 को तब सुर्खियों में आया जब एक युवा अभिनेत्री को उसके ड्राइवर (जो बाद में आरोपी बना) द्वारा धोखे से कार में बिठाया गया और पल्सर सुनील व अन्यों ने उसे अपहरण कर बलात्कार किया। घटना का वीडियो बनाकर कथित तौर पर दिलीप ने इसे हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की साजिश रची, जिसमें 1.5 करोड़ रुपये का ऑफर भी शामिल था। दिलीप को साजिश के लिए गिरफ्तार किया गया था, लेकिन 2018 में जमानत मिल गई।
मुकदमा 2018 में शुरू हुआ, लेकिन कई बार बाधित रहा। पीड़िता ने दो बार जज को हटाने की मांग की। इस दौरान दो प्रमुख व्यक्ति- पूर्व विधायक पी.टी. थॉमस और निर्देशक पी. बालचंद्रकुमार- की मृत्यु हो चुकी है, जो मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके थे।
आरोपीयों की सूची
• आरोपी 1: एन.एस. सुनील (पल्सर सुनील) – मुख्य अपराधी, दोषी।
• आरोपी 2-6: अपहरण और सहयोग में शामिल अन्य व्यक्ति, सभी दोषी।
• आरोपी 7-10: सहायक भूमिका, फैसले का इंतजार।
• आरोपी 8: दिलीप – साजिश के आरोप से बरी।
• आरोपी 11-15: अन्य सहयोगी।
यह फैसला केरल के सामाजिक-राजनीतिक विमर्श को आकार देगा, खासकर महिलाओं के खिलाफ हिंसा और फिल्म उद्योग की नैतिकता पर। पीड़िता की अपील से मामला हाईकोर्ट जा सकता है।

