इस बार कांवड़ यात्रा 4 जुलाई से होने जा रही है। करीब 4 करोड़ कांवड़िये हरिद्वार और गोमुख से जल उठाएंगे। खास बात ये है कि यात्रा में पुलिस कांवड़ियों को आईडी देखकर ही एंट्री देगी। यही नहीं, पुलिस डीजे पर बजने वाले गाने को भी तय करेगी। पूरी कांवड़ यात्रा की ड्रोन से निगरानी होगी। यात्रा को लेकर सोमवार को मेरठ में प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद ने उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और यूपी के अधिकारियों ने मंथन किया।
पश्चिम उत्तर प्रदेश में कांवड़ का ज्यादा जोर रहता है। यही वजह है कि शाहजहांपुर से वाया बरेली दिल्ली हाईवे को वन-वे यानी एक तरफा कर दिया जाता है। मेरठ, बरेली और बागपत के शिव मंदिरों में भक्त हरिद्वार और कछला घाट से जल लेकर पहुंचते हैं। दूसरी ओर पूरब में गंगा जल लेकर लोग काशी विश्वनाथ पहुंचते हैं। दूसरे सोमवार से कांवड़ का जोर बढ़ जाता है, जोकि चैथे सोमवार तक जारी रहता है।पूरी कांवड़ यात्रा को 5 जोन में बांटा जाएगा। जगह-जगह पुलिस नाका रहेंगे। एक नाका पर 20 पुलिसकर्मियों की तैनाती रहेगी। हर 5 किमी पर हेल्थ कैंप होगा। सड़क से हटकर शिविर लगेंगे। दिल्ली, यूपी, उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान हर राज्य के बॉर्डर पर विशेष सुरक्षा व्यवस्था रहेगी। डॉग स्क्वायड, बम निरोधक दस्ता, आईबी, इंटेलिजेंस, की टीम भी एक्टिव रहेगी।
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12 फीट से ऊंची कांवड़ रहेगी बैन
वहीं यात्रा में 12 फीट से ऊंची कांवड़ को लाने और ले जाने पर बैन रहेगा। यही नहीं, कांवड़िये अपने साथ भाले, त्रिशूल या किसी प्रकार का हथियार लेकर नहीं चलेंगे। बॉर्डर पर ही कांवड़ियों की चेकिंग होगी। प्क् कार्ड भी चेक किया जाएगा। इसके बाद कांवड़ रूट पर प्रवेश मिलेगा।
डीजे के साउंड और गानों को बारीकी से जांचा जाएगा
डीजीपी विजय कुमार ने कहा, डीजे के साउंड और गानों को बारीकी से जांचा जाएगा। इस बार यात्रा में डीजे पर रोक नहीं है। ड्यूटी पर तैनात हर अफसर ध्यान रखे कि डीजे का साउंड मानकों से ज्यादा न हो। तेज आवाज में डीजे न बजाया जाए। डीजे पर जो गीत बजे उनकी भाषा, संगीत अशोभनीय नहीं होना चाहिए। इससे पहले कई बार देखा गया है कि गाने ऐसे बजते है कि जनता में लगत संदेश जाता हैं