कर्नाटक: RSS मार्च में हिस्सा लेने पर पंचायत विकास अधिकारी सस्पेंड, विभागीय जांच दिए आदेश

RSS/Karnataka News: कर्नाटक के रायचूर जिले में एक पंचायत विकास अधिकारी (पीडीओ) को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक मार्च में हिस्सा लेने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। अधिकारी का नाम प्रवीण कुमार केवी (या केपी) है, जो सिरावर तालुक पंचायत में तैनात थे। यह कार्रवाई ग्रामीण विकास और पंचायत राज विभाग (आरडीपीआर) द्वारा की गई है, जिसमें सरकारी कर्मचारी आचरण नियमों के उल्लंघन का हवाला दिया गया है। विभाग ने उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी जारी कर दिए हैं।

घटना 12 अक्टूबर 2025 को लिंगसुगुर में हुई, जहां प्रवीण कुमार ने आरएसएस के शताब्दी समारोह के दौरान संगठन की यूनिफॉर्म पहनकर और छड़ी लेकर रूट मार्च में हिस्सा लिया। पंचायत राज विभाग की आयुक्त डॉ. अरुंधति चंद्रशेखर द्वारा जारी निलंबन आदेश में कहा गया है कि यह कर्नाटक सिविल सर्विसेज (कंडक्ट) रूल्स, 2021 के नियम 3 और 5(1) का उल्लंघन है। इन नियमों के तहत सरकारी कर्मचारियों को राजनीतिक तटस्थता बनाए रखनी होती है और वे किसी राजनीतिक संगठन से जुड़ नहीं सकते। आदेश में यह भी उल्लेख है कि अधिकारी का आचरण एक सरकारी कर्मचारी के पद के अनुरूप नहीं था, और वे अगले आदेश तक गुजारा भत्ता पाने के हकदार रहेंगे, लेकिन मुख्यालय छोड़ने की अनुमति नहीं होगी।

यह कार्रवाई कर्नाटक के ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री प्रियांक खड़गे द्वारा मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को लिखे पत्र के बाद हुई है। मंत्री ने आरएसएस से जुड़े सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी। इसके अलावा, कर्नाटक कैबिनेट ने हाल ही में सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों, कॉलेजों तथा सार्वजनिक स्थानों पर निजी संगठनों की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है, जिसका विशेष रूप से आरएसएस की शाखाओं पर असर पड़ सकता है।

इस फैसले पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं तेज हो गई हैं। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कर्नाटक प्रदेश अध्यक्ष विजयेंद्र येदियुरप्पा ने कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए इसे “हिंदू-विरोधी मानसिकता” करार दिया। उन्होंने कहा, “यह देशभक्ति की भावनाओं पर हमला है। कांग्रेस सरकार मशीनरी का दुरुपयोग कर रही है। इस निलंबन को तुरंत वापस लिया जाए और माफी मांगी जाए, वरना लोकतांत्रिक तरीके से जवाब दिया जाएगा।” वहीं, मंत्री प्रियांक खड़गे ने बीजेपी को चुनौती देते हुए कहा कि अगर उनके बच्चे आरएसएस की यूनिफॉर्म में उनके निर्वाचन क्षेत्र में मार्च करना चाहें तो स्वागत है, लेकिन नियमों का पालन करना होगा। उन्होंने नियमों के उल्लंघन पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी।

यह घटना कर्नाटक में कांग्रेस और बीजेपी के बीच बढ़ते टकराव को बढ़ावा दे रही है, जहां आरएसएस की गतिविधियों पर रोक लगाने के प्रयासों ने राजनीतिक बहस को तेज कर दिया है। जांच पूरी होने तक अधिकारी निलंबित रहेंगे, और आगे की कार्रवाई रिपोर्ट पर निर्भर करेगी।

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