पिता की शहादत: एक सच्चे हीरो की कहानी
रुक्मिणी वसंत का जन्म 10 दिसंबर 1996 को बेंगलुरु में एक कन्नड़ परिवार में हुआ था । उनके पिता कर्नल वसंत वेणुगोपाल भारतीय सेना में एक बहादुर अधिकारी थे। 2007 में उरी सेक्टर में पाकिस्तान की सीमा से घुसपैठ कर रहे भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में उन्होंने अपनी जान गंवाई । उनकी बहादुरी के लिए उन्हें अशोक चक्र से सम्मानित किया गया, जो भारत का सर्वोच्च शांतिकालीन वीरता पुरस्कार है । रुक्मिणी अक्सर अपने पिता की यादों से प्रेरणा लेती हैं और कहती हैं कि उनकी विरासत ने उन्हें मजबूत बनाया है।
एक्टिंग करियर की शुरुआत और संघर्ष
रुक्मिणी ने लंदन से एक्टिंग की ट्रेनिंग ली और 2019 में कन्नड़ फिल्म ‘बीरबल’ से डेब्यू किया । हालांकि, असली ब्रेकथ्रू 2023 में आई फिल्म ‘सप्त सागरदाचे एलो’ से मिला, जहां उनकी परफॉर्मेंस के लिए उन्हें कन्नड़ की बेस्ट एक्ट्रेस कैटेगरी में फिल्मफेयर क्रिटिक्स अवॉर्ड मिला । रुक्मिणी ने कन्नड़ के अलावा तमिल और तेलुगू फिल्मों में भी काम किया है। ‘कांतारा: चैप्टर वन’ के लिए उन्होंने घुड़सवारी, क्लासिकल डांस और तलवारबाजी जैसी स्किल्स सीखीं, जो उनकी डेडिकेशन को दिखाती हैं ।
‘कांतारा: चैप्टर वन’ का ब्लॉकबस्टर सफर
ऋषभ शेट्टी स्टारर ‘कांतारा: चैप्टर वन’ 2 अक्टूबर 2025 को रिलीज हुई और महज दो दिनों में 100 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया । रुक्मिणी ने इसमें राजकुमारी कनकवती का किरदार निभाया, जिसकी एक्टिंग को क्रिटिक्स और ऑडियंस ने खूब सराहा । फिल्म ने कुल 851.89 करोड़ की कमाई की, जो रुक्मिणी के करियर की सबसे बड़ी हिट बन गई । यह फिल्म साउथ सिनेमा की सांस्कृतिक जड़ों और एक्शन का शानदार मिश्रण है, जो दर्शकों को बांधे रखती है।
आने वाली फिल्में और भविष्य
रुक्मिणी अब यश स्टारर ‘टॉक्सिक’ में नजर आएंगी, जो कन्नड़ और इंग्लिश में बन रही है । फिल्म में नयनतारा, कियारा आडवाणी, तारा सुतारिया, हुमा कुरैशी जैसे स्टार्स हैं और इसे गीतू मोहनदास ने डायरेक्ट किया है। रिलीज डेट 19 मार्च 2026 है । रुक्मिणी की यह फिल्म उनके करियर को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का वादा करती है।
रुक्मिणी वसंत की कहानी एक प्रेरणा है – पिता की शहादत से मिली ताकत और अपनी मेहनत से हासिल की गई सफलता। साउथ सिनेमा में वह अब एक बड़ा नाम बन चुकी हैं, और आने वाले समय में और भी कमाल करने को तैयार हैं।

