पुलिस के अनुसार, आरोपी मां ममता सिंह (उम्र अज्ञात) ने अपने प्रेमी मयंक कटियार (33 वर्ष) और उसके भाई ऋषि कटियार के साथ मिलकर यह खौफनाक साजिश रची। मृतक प्रदीप सिंह (25 वर्ष) आंध्र प्रदेश में ठेला चलाकर मजदूरी करता था और दीपावली के त्योहार पर ही वह अपने गांव अंगदपुर बरौर (बरौर थाना क्षेत्र) लौटा था। पिता की मौत के बाद मां के प्रेमी मयंक के घर आने-जाने से प्रदीप को खासी आपत्ति थी। वह बार-बार मां को इसके लिए टोकता था, जो उसे नागवार गुजर रहा था। बस यही विरोध उसके लिए काल बन गया।
जांच में खुलासा हुआ कि ममता ने हत्या से पहले प्रदीप के नाम पर चार बीमा पॉलिसियां करवाईं, जिनकी कुल राशि डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है। प्रत्येक पॉलिसी की वैल्यू 40 लाख रुपये के आसपास थी। इनमें से कुछ स्रोतों के अनुसार कुल 33 लाख या 18 लाख का जिक्र है, लेकिन पुलिस ने पुष्टि की है कि रकम करोड़ों में थी। मकसद साफ था- हत्या को सड़क दुर्घटना का रूप देकर बीमा क्लेम हासिल करना।
26 अक्टूबर की शाम को ममता और ऋषि ने प्रदीप को होटल में खाना खिलाने के बहाने कार में बिठाया। रास्ते में मुंगीसापुर के पास पहुंचते ही ऋषि ने हथौड़ी से प्रदीप के सिर पर कई वार किए, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। हत्या के बाद शव को कानपुर-इटावा हाईवे के डेरापुर थाना क्षेत्र के बलहारामऊ गांव के पास फेंक दिया गया, ताकि मामला वाहन हादसे का लगे। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सिर पर चोटों के निशान मिलने से हत्या का राज खुल गया।
मामले का खुलासा तब हुआ जब प्रदीप के चचेरे भाई और दादा जगदीश नारायण ने संदेह जताते हुए थाने पर हंगामा मचाया। उन्होंने ममता के अवैध संबंधों का जिक्र किया, जिसके बाद पुलिस ने बरौर थाने में हत्या का मुकदमा दर्ज किया। एडिशनल एसपी कानपुर देहात श्रद्धा नरेंद्र पांडे ने बताया, “22 वर्षीय लड़का आंध्र प्रदेश में अपना ठेला चलाता था और दीपावली पर घर आया था। मां के 33 वर्षीय व्यक्ति से संबंध थे। मृतक की चार बीमा पॉलिसियां थीं। योजना थी कि हत्या के बाद शव को रोड पर इस तरह रखा जाए कि सड़क दुर्घटना लगे। तीनों आरोपी गिरफ्तार हैं और हथियार बरामद हो गया।”
पुलिस ने मंगलवार रात को मयंक और ऋषि के साथ मुठभेड़ की, जिसमें ऋषि गोली लगने से घायल हो गया। ममता को भी शांतिपूर्वक हिरासत में लिया गया। एसपी ने कहा कि आरोपी पूर्व में चोरी और गैंगस्टर एक्ट जैसे मामलों में वांछित थे। पूरे मामले की गहन जांच चल रही है, और बीमा कंपनियों से संपर्क कर क्लेम प्रक्रिया की पड़ताल की जा रही है।
यह घटना न केवल मां-बेटे के रिश्ते पर सवाल खड़ी करती है, बल्कि लालच और नैतिक पतन की उस खाई को उजागर करती है, जहां इंसानियत दम तोड़ देती है। ग्रामीण इलाकों में ऐसी वारदातें समाज के लिए चेतावनी हैं। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि संदिग्ध गतिविधियों की सूचना दें। फिलहाल, गांव में सन्नाटा पसर गया है, और प्रदीप के परिवार वाले न्याय की आस में हैं।

