Kangaroo Mother Care: नोएडा-भंगेल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में जल्द ही अत्याधुनिक कंगारू मदर केयर (केएमसी) यूनिट स्थापित की जाएगी। इस पहल का उद्देश्य कम वजन के प्री-मैच्योर नवजातों को उनकी मां के सीने से लगाकर विशेष देखभाल देना है, जिससे न केवल उनके वजन में वृद्धि होगी बल्कि मां और शिशु के बीच गहरा भावनात्मक संबंध भी विकसित होगा। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिले की अन्य सीएचसी में भी ऐसी यूनिट स्थापित करने की योजना बनाई जा रही है।
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कंगारू मदर केयर यूनिट: एक महत्वपूर्ण कदम
भंगेल सीएचसी के मैटरनिटी विंग की अधीक्षक डॉ. मीरा पाठक के अनुसार, यहां 50 बेड का अत्याधुनिक मैटरनिटी विंग जल्द शुरू होने वाला है। वर्तमान में, इस केंद्र में हर महीने 150 से 200 गर्भवती महिलाओं का सुरक्षित प्रसव हो रहा है। अस्पताल में पहले से ही न्यूबॉर्न सिक यूनिट (एनबीएसयू) मौजूद है, और अब केएमसी यूनिट की स्थापना की प्रक्रिया भी तेजी से आगे बढ़ रही है। इसके लिए अस्पताल का निरीक्षण पूरा कर लिया गया है और आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था की जा रही है।
स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की मजबूत भागीदारी
कंगारू मदर केयर यूनिट की स्थापना राज्य शासन के निर्देशानुसार की जा रही है, जिसमें जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। इस परियोजना के तकनीकी पहलुओं को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए कम्युनिटी एंपावरमेंट लैब सहयोग कर रही है। यह यूनिट नवजातों की देखभाल को एक नई दिशा प्रदान करेगी और उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराएगी।
उत्तर प्रदेश में 2018 से जारी क्रांतिकारी पहल
कम्युनिटी एंपावरमेंट लैब के अनुसार, उत्तर प्रदेश में पहली कंगारू मदर केयर यूनिट 2016 में लखनऊ के रानी अवंतीबाई महिला चिकित्सालय (डफरिन) में स्थापित की गई थी। 2018 से इस योजना का विस्तार पूरे प्रदेश में किया गया और अब तक कुल 331 केएमसी यूनिट सफलतापूर्वक स्थापित की जा चुकी हैं। यह पहल राज्य में नवजात स्वास्थ्य सेवा को नए आयाम दे रही है।
केएमसी यूनिट के फायदे: नवजातों के लिए वरदान
भंगेल सीएचसी के अधीक्षक डॉ. यतेंद्र सिंह ने बताया कि इस यूनिट में 2500 ग्राम से कम वजन वाले नवजातों को उनकी मां के सीने से लगाकर रखने की सुविधा दी जाएगी। इस प्रक्रिया से नवजात को कई महत्वपूर्ण लाभ होंगे:
- गर्माहट और सुरक्षित वातावरण: मां के शरीर की गर्माहट मिलने से नवजात का वजन तेजी से बढ़ता है।
- हाइपोथर्मिया से बचाव: शरीर के अत्यधिक ठंडे होने की समस्या को कम किया जा सकता है।
- मां और शिशु के बीच भावनात्मक जुड़ाव: यह नवजात और मां के बीच एक गहरा भावनात्मक संबंध विकसित करने में मदद करता है।
- एक्सक्लूसिव ब्रेस्टफीडिंग को बढ़ावा: नवजात को मां का दूध अधिक मात्रा में और नियमित रूप से प्राप्त होता है।
- बेहतर रोग प्रतिरोधक क्षमता: नवजात की इम्युनिटी मजबूत होती है और उसका मानसिक तनाव भी कम होता है।
जल्द होगी यूनिट की स्थापना, स्वास्थ्य सुविधाओं में होगा बड़ा सुधार
गौतमबुद्ध नगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. नरेंद्र कुमार ने बताया कि कंगारू मदर केयर यूनिट के लिए निरीक्षण और आवश्यक योजना बन चुकी है। अब इसे कब और कैसे स्थापित किया जाएगा, इस पर अंतिम निर्णय लिया जा रहा है। जल्द ही यूनिट का निर्माण कार्य शुरू होगा, जिससे क्षेत्र में नवजात देखभाल की गुणवत्ता में बड़ा सुधार होगा।
यह यूनिट भंगेल सीएचसी को एक प्रमुख नवजात देखभाल केंद्र के रूप में स्थापित करेगी और पूरे जिले में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को एक नई दिशा देगी।
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