जस्टिस सूर्यकांत बने 53वें सीजेआई, जानिए उनकी जिन्दगी का सफरनामा

Supreme Court News: आज जस्टिस सूर्यकांत देश के 53वें मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बन चुके हैं। राष्ट्रपति भवन में उनका भव्य शपथ ग्रहण समारोह देखने को मिला। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जस्टिस सूर्यकांत को शपथ दिलाई। इस खास मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर तमाम केंद्रीय मंत्री भी मौजूद रहे। उनकी जिन्दगी केे सफरनामे पर निगाह डाले- दरअसल, 10 फरवरी 1962 को हरियाणा के एक छोटे से शहर हिसार में जन्में जस्टिस सूर्यकांत ने इस पद के लिए लम्बा सफर तय किया है। उन्होंने काफी महत्पूर्ण मामलों में फैसले सुनाए है। जस्टिस सूर्यकांत हरियाणा से ताल्लुक रखने वाले देश के पहले सीजेआई हैं। जस्टिस सूर्यकांत एक मध्यम वर्ग परिवार से हैं। 1984 में उन्होंने लाॅ की पढ़ाई पूरी की थी। रोहतक के महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय से लॉ की डिग्री लेने के बाद उन्होंने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की। 2011 में उन्होंने कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से मास्टर्स की डिग्री ली थी। जुलाई 2000 में वो हरियाणा के सबसे युवा एडवोकेट जनरल बन गए और 2001 में उन्हें वरिष्ठ एडवोकेट के रूप में पहचान मिली। 9 जनवरी 2004 को उन्हें पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का स्थाई जज बना दिया गया। इसके बाद वो हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने और 24 मई 2019 को उनकी नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में हो गई।

15 महीने का कार्यकाल
पूर्व सीजेआई बीआर गवई की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 30 अक्टूबर 2025 को अगले सीजेआई के लिए जस्टिस सूर्यकांत के नाम पर मुहर लगा दी थी। अब वो 9 फरवरी 2027 तक इस पद पर आसीन रहेंगे।
महत्पूर्ण फैसेले
बता दें कि जस्टिस सूर्यकांत ने कई महत्पूर्ण मामलों में फैसले सुनाए है। जिसमें कुछ मामले इस प्रकार है।
1. 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर को खास राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को रद कर दिया था। सरकार के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई और जिस बेंच ने इस मामले पर सुनवाई की, जस्टिस सूर्यकांत भी उसी बेंच का हिस्सा थे। मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के फैसले को सही ठहराते हुए राज्य में जल्द से जल्द चुनाव करवाने का आदेश दिया था।

2. जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने गुलामी के काल में बने राजद्रोह कानून के तहत कोई भी नया मामला दर्ज न करने का आदेश दिया था।

3. राज्य के विधेयकों के संबध में राज्यपाल और राष्ट्रपति की शक्तियों पर टिप्पणी करने वाली बेंच में भी जस्टिस सूर्यकांत शामिल थे।

4. बिहार एसआईआर पर सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने चुनाव आयोग को आदेश दिया था कि मतदाता सूची से निकाले गए 65 लाख मतदाताओं के नाम सार्वजनिक किए जाएं।

5. जस्टिस सूर्यकांत ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन सहित सभी बार एसोसिएशन में एक-तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित करने के निर्देश दिए थे।

6. 2022 में पंजाब दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक देखने को मिली थी। जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने मामले की जांच के लिए जस्टिस इंदु मल्होत्रा के नेतृत्व में कमेटी गठित की थी।

7. जस्टिस सूर्यकांत वन रैंक वन पेंशन योजना को बरकरार रखने, 1967 के अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी मामले और पेगासस स्पाइवेयर मामले समेत कई बड़े मामलों की सुनवाई वाली बेंच का हिस्सा रह चुके हैं।

 

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