धमाके का विवरण और जांच का नया मोड़
दिल्ली पुलिस और जेके पुलिस की संयुक्त जांच में अब धमाके को सुसाइड अटैक का रूप दिया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, संदिग्ध डॉक्टर उमर मुहम्मद फरीदाबाद से भागा था, जब उसे अपने जेईएम मॉड्यूल के साथियों की गिरफ्तारी की खबर मिली। घबराहट में उसने ही विस्फोटक को ट्रिगर कर दिया।
उमर मुहम्मद को मृत घोषित कर दिया गया है, लेकिन उसकी पहचान और मॉड्यूल के अन्य सदस्यों की तलाश तेज हो गई है।
जेके पुलिस ने लखनऊ से एक अन्य महिला डॉक्टर शाहीना को गिरफ्तार किया है, जो उमर के संपर्क में थी और अल-फलाह यूनिवर्सिटी मॉड्यूल से जुड़ी बताई जा रही है। शाहीना की पहली तस्वीरें सामने आ चुकी हैं, जो जांच एजेंसियों के हाथ लगी हैं। दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से भी सहयोग मांगा है, और हाई कोर्ट में इन-कैमरा सुनवाई की मांग की गई है।
इस घटना ने कश्मीर में सामुदायिक तनाव बढ़ा दिया है। संदिग्ध उमर के परिवार पर निशाना साधने की कोशिशों के खिलाफ आवाजें उठ रही हैं। पीड़ित परिवारों ने मीडिया से बातचीत में न्याय की गुहार लगाई है।
महबूबा मुफ्ती की प्रेस कॉन्फ्रेंस: ‘कश्मीरियों के लिए घातक साबित होगा’
पीडीपी मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में महबूबा मुफ्ती ने धमाके की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा, “यह हिंसा किसी भी रूप में जायज नहीं है। आठ निर्दोषों की मौत और कई घायलों का दर्द असहनीय है। लेकिन अगर डॉक्टरों की भूमिका साबित हुई, तो यह कश्मीरियों के लिए घातक साबित होगा।” मुफ्ती ने निष्पक्ष जांच की मांग की और चेतावनी दी कि बिना ठोस सबूत के कश्मीरी समुदाय को बदनाम न किया जाए।
उन्होंने कहा, “कश्मीर के परिवारों को निशाना बनाना बंद हो। हमने हमेशा शांति और संवाद का रास्ता अपनाया है। पीडीपी जेएंडके के लोगों की आवाज बनेगी।” मुफ्ती ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर भी निशाना साधा, कहा कि उनकी सरकार ने जेके में शांति प्रक्रिया को मजबूत करने के बजाय केंद्र की नीतियों का पालन किया है। “बुधगाम उपचुनाव से पहले ऐसी घटनाएं राजनीतिकरण न हों,” उन्होंने जोड़ा।
उमर अब्दुल्ला का बयान: एकजुटता और न्याय का आह्वान
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “लाल किले के पास धमाके से गहरा सदमा पहुंचा है। पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना। दोषियों को सख्त सजा मिलेगी।” अब्दुल्ला ने जेके विधानसभा में भी इसकी चर्चा की मांग की है। नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) नेता ने कहा कि यह “मानवता पर हमला” है और पूरे देश को एकजुट होना चाहिए।
हालांकि, महबूबा के बयान पर अब्दुल्ला ने पलटवार किया। उन्होंने पुरानी गठबंधन सरकार (पीडीपी-बीजेपी) का जिक्र करते हुए कहा कि आर्टिकल 370 हटाने की नींव उसी समय पड़ी थी। “पीडीपी को अपनी गलतियों पर जवाब देना चाहिए,” उन्होंने कहा। यह बयानबाजी बुधगाम विधानसभा उपचुनाव से ठीक पहले आई है, जहां दोनों दल आमने-सामने हैं।
कश्मीर की एकजुट प्रतिक्रिया
कश्मीर के राजनीतिक और धार्मिक नेताओं ने धमाके की निंदा की है। लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने शोक संदेश जारी किया। हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के मीरवाइज उमर फारूक ने इसे “धर्म-विरोधी कृत्य” बताया। ग्रैंड मुफ्ती नासिर-उल-इस्लाम ने कहा कि यह सभी धर्मों की शिक्षाओं के खिलाफ है। पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद ने भी दुख जताया।
जेके में व्यापारिक संगठनों ने भी शोक दिवस मनाने का ऐलान किया। कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने कहा कि ऐसी घटनाएं शांति प्रयासों को नुकसान पहुंचाती हैं।
राजनीतिक संदर्भ: उपचुनाव और पुरानी कटुता
यह घटना बुधगाम उपचुनाव के एक दिन पहले आई है, जहां एनसी और पीडीपी के बीच कड़ा मुकाबला है। महबूबा ने हाल ही में उमर पर “केंद्र के आगे समर्पण” का आरोप लगाया था, जबकि उमर ने पीडीपी को आर्टिकल 370 हटाने का जिम्मेदार ठहराया। विशेष दर्जा बहाली, बेरोजगारी, बिजली बिल और कैदियों की रिहाई जैसे मुद्दे दोनों दलों के बीच तलवार की धार हैं।
महबूबा ने कहा, “उमर साहब को अपनी सरकार के वादों का हिसाब देना चाहिए—मुफ्त बिजली, गैस सिलेंडर, नौकरियां। पीडीपी ने हमेशा लोगों के हित में काम किया।” दूसरी ओर, एनसी ने पीडीपी पर “बीजेपी के साथ गठजोड़” का ताना कसा।
आगे की राह
एनआईए और दिल्ली पुलिस की जांच तेज हो गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह धमाका जैश के नए मॉड्यूल को उजागर कर सकता है। कश्मीर में शांति बहाली के लिए राजनीतिक दलों को एकजुट होने की जरूरत है। महबूबा की प्रेस कॉन्फ्रेंस ने साफ संदेश दिया कि बिना सबूत के सामुदायिक निशाना साधना बंद हो।
देश इस दर्दनाक घटना से उबरने की कोशिश कर रहा है। पीड़ितों के लिए न्याय और शांति की प्रतीक्षा है।

