JHJ Exclusive: नोएडा के इस गांव में आखिर क्यों है सबसे अधिक जमीनी विवाद, जानिए
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JHJ Exclusive: नोएडा के इस गांव में आखिर क्यों है सबसे अधिक जमीनी विवाद, जानिए

Village Hajipur Sector 104 Land Dispute: नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र में वैसे तो कुल 81 गांव आते हैं लेकिन कुछ ऐसे गांव हैं, जहाँ जमीनी विवादों की भरमार है। मगर सबसे ज्यादा जमीनी विवाद सेक्टर 104 हाजीपुर गांव में ही देखने को मिल रहे हैं। प्राधिकरण की जमीन पर कब्जा और अवैध निर्माण इस गांव में सबसे अधिक हो रहा है। उसके अलावा महर्षि आश्रम की जमीन को लेकर भी जमकर फर्जीवाड़ा हो रहा है। प्राधिकरण उस वक्त जागता है जब निर्माण हो जाता है या फिर कॉफी बड़ी मात्रा में हो गया होता है, लेकिन निर्माण से पहले न तो प्राधिकरण जागता है और ना ही जिला प्रशासन। जिस वजह से विवाद और ज्यादा बढ़ जाता है। लोग भू माफियाओं के चक्कर में आकर फंस जाते है।

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जमीन पर अवैध कब्जा करने की ये सबसे बड़ी वजह
गांव हाजीपुर में प्राधिकरण की या फिर ग्राम समाज की जमीन पर कब्जा करने की सबसे बड़ी वजह है इस गांव के आसपास बड़ी मात्रा में विकास कार्य होना और यहाँ बनी मार्केट का स्तर दिल्ली की साउथ एक्स जैसी मार्केटों से हो जाना। चारों ओर फ्लैट ही फ्लैट है, जिस कारण यहा ज्यादातर नामी ब्रांड्स के शोरूम है और बड़े बड़े रेस्टोरेंट बने हैं। इतना ही नहीं भूमाफियाओं ने दूसरों की या फिर प्राधिकरण की जमीन पर कब्जा कर करके बेच दिया है। उसके अलावा काफी ऐसी जमीन है जो प्राधिकरण की अधिकृत है उस पर भी कब्जा है और प्राधिकरण की अधिसूचित जमीन पर भी कब्जा है।

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लगातार बन रही आलीशान मार्केट
गांव हाजीपुर में लगातार आलीशान मार्केट बनती जा रही है। जिसके चलते प्राधिकरण को भी राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है। यहाँ प्राधिकरण ने कई लोगों को अवैध निर्माण तोड़ने के नोटिस भी दिए हैं। मगर कोई भी व्यक्ति प्राधिकरण के नियमों का पालन करने को तैयार नहीं है। बताया ये भी जाता है कि प्राधिकरण के कुछ रिटायर्ड अधिकारियों ने अपने रिश्तेदारों और परिचितों को जमीन पर कब्जा कराया हुआ है। आलीशान शोरूम बने हुए हैं जिसके चलते प्राधिकरण के मौजूदा अधिकारियों को चुप रहना पड़ता है।

बरौला गांव हनुमान मूर्ति के पास भी बड़ी मात्रा में हो रहा अवैध निर्माण

गांव बरौला और सलारपुर की जमीन पर जमकर अवैध निर्माण हो रहा है। प्राधिकरण को ये तमाशा चुप चाप देखना पड़ रहा है। अपनी जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए कभी कभी वर्क सर्किल की टीम जाती हैं और तोड़फोड़ कर इतिश्री कर लेती है। जैसे ही तोड़फोड़ होती है अगले दिन फिर से निर्माण शुरू हो जाता है। सवाल यही है क्या प्राधिकरण वाकई कार्रवाई कर रहा है या कागजों में अपने आप को सही साबित करने में जुटा है।

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