साहिबगंज में चलती मालगाड़ी पर बच्चों ने किया खतरनाक स्टंट, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल, लोगो की बढ़ी चिंता

Jharkhand/Sahibganj News: झारखंड के साहिबगंज जिले के ललमटिया-फरक्का एमजीआर रेलवे लाइन पर एक चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में 13-14 साल के नाबालिग बच्चे चलती मालगाड़ी पर जानलेवा स्टंट करते नजर आ रहे हैं। बच्चे न केवल बोगियों के बीच छलांग लगा रहे हैं, बल्कि कोयला चोरी करने के लिए औजारों के साथ ट्रेन पर चढ़ते और उतरते दिख रहे हैं। इस घटना ने न केवल लोगों को हैरान किया है, बल्कि सुरक्षा और कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल भी खड़े किए हैं।
वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि बच्चे अपनी पीठ पर बोरे और कुदाल जैसे औजार बांधकर एक बोगी से दूसरी बोगी पर कूद रहे हैं और चलती ट्रेन से नीचे उतर रहे हैं। यह खतरनाक करतब बॉलीवुड फिल्मों के स्टंट सीन की याद दिलाता है, लेकिन इसमें कोई सुरक्षा इंतजाम नहीं हैं। यह घटना साहिबगंज के पतना इलाके की बताई जा रही है, जहां कोयला चोरी का यह खेल लंबे समय से चल रहा है।

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, ललमटिया-फरक्का रेलवे लाइन पर कोयला चोरी एक पुरानी समस्या है। चोर अक्सर ट्रेन के वैक्यूम सिस्टम में छेड़छाड़ कर उसे धीमा करते हैं, जिससे कोयला नीचे फेंका जा सके। इसके बाद उनके सहयोगी कोयले को बोरियों में भरकर बाजार में बेच देते हैं। मोतीपहाड़ी, तेलो, फुलभंगा, सोनाजोड़ी, धोबडीहा, इमली चौक और शिवापहाड़ जैसे इलाकों में यह गतिविधि आम है।
इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी है। लोग इसे देखकर चिंतित हैं और बच्चों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठा रहे हैं। नेटिजन्स का कहना है कि सोशल मीडिया पर लाइक्स और फॉलोअर्स के लिए बच्चे अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं, जो एक गंभीर समस्या का संकेत है।

एनटीपीसी फरक्का ने इस रूट पर कोयला चोरी रोकने के लिए सीआईएसएफ जवानों की तैनाती की है, लेकिन इसके बावजूद चोरी की घटनाएं नहीं रुक रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह न केवल कानून-व्यवस्था की चुनौती है, बल्कि सोशल मीडिया की दिखावटी संस्कृति भी बच्चों को खतरनाक गतिविधियों की ओर धकेल रही है।

रेलवे प्रशासन की ओर से अभी तक इस घटना पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन इस वीडियो ने बच्चों की सुरक्षा और रेलवे की लापरवाही को लेकर बहस छेड़ दी है। स्थानीय लोगों और विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों को जागरूक करने और उनके अभिभावकों को सतर्क करने की जरूरत है, ताकि ऐसी घटनाएं रोकी जा सकें।

यह घटना एक बार फिर रेलवे सुरक्षा व्यवस्था और सामाजिक जिम्मेदारी पर सवाल उठा रही है। बच्चों को इस तरह के खतरनाक और अवैध कार्यों से दूर रखने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है, वरना यह नशा उन्हें मौत के मुंह में ले जा सकता है।

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