लोकतंत्र बचाओ, समाजवाद लाओ दिवस के रूप में मनाई जवाहर लाल जयंती
ghaziabad news ज्ञानपीठ केन्द्र 1, स्वरुप पार्क जीटी रोड साहिबाबाद गाजियाबाद के प्रांगण में लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट ने संस्था के संस्थापक/अध्यक्ष राम दुलार यादव शिक्षाविद के नेतृत्व में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री, मूर्धन्य विद्वान, महान लेखक, स्वतंत्रता सेनानी, कर्मयोगी पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्म-दिन समारोह लोकतंत्र बचाओ, समाजवाद लाओ दिवस के रूप में मनाया गया।
शिक्षाविद राम दुलार यादव ने कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरू आधुनिक भारत के निमार्ता रहे, उन्होंने त्याग, तपस्या से अपना सर्वस्व अर्पण कर देश को आजाद करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी, कठिन परिश्रम कर देश में चहुमुखी विकास की गंगा बहा दी, वह कहा करते थे कि आराम, हराम है, देश को आर्थिक विकास के मार्ग पर अग्रसर किया, उनका मानना था कि समाजवाद महज एक आर्थिक सिद्धांत नहीं बल्कि जीवन दर्शन है, वे धर्मनिरपेक्षता, लोकतंत्र समाजवाद को एक दूसरे का पूरक मानते हुए इसी दर्शन से प्रेरित रहे, उनका चिंतन मानवतावादी था, लेकिन मन में मनुस्मृति, मैदान में संविधान मानने वालों ने उनके चरित्र और चिंतन पर झूठा और बेबुनियादी मनगढ़ंत प्रहार किया, उनके विचार मानव जाति के विकास के लिए आज भी प्रासंगिक हैें हमें समाज, देश में नफरत मिटाकर सद्भाव, भाईचारा, प्रेम, सहयोग की भावना पैदा करनी चाहिए।
अजय रस्तोगी एडवोकेट ने कहा कि वह पाखंड, जातिवाद के विरोधी और हर धर्मों का सम्मान करते थे, नेहरू जी 9 साल जेल में रहे, उस समय का उन्होंने सदुपयोग किया, वह समाज और देश के बारे में सोचते रहे, उन्होंने डिस्कवरी आॅफ इंडिया पुस्तक लिखी, जब भारत को आजादी मिली और पंडित जवाहर लाल नेहरू की दूरदृष्टि से देश में बड़ी इंडस्ट्री लगी, उस समय के उद्योगपतियों में श्रमिकों के प्रति करुणा और दया थी।
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