किश्तवाड़ में मचैल माता यात्रा मार्ग पर बादल फटा, मचाई भारी तबाही, 10 लोगों की मौत की आशंका, दो पुल हुए क्षतिग्रस्त

Jammu and Kashmir News: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में मचैल माता यात्रा के प्रारंभिक बिंदु चशोती इलाके में बुधवार, 14 अगस्त 2025 को बादल फटने की घटना ने भारी तबाही मचाई है। इस प्राकृतिक आपदा में कम से कम 10 लोगों के मारे जाने की आशंका जताई जा रही है, जबकि दो महत्वपूर्ण पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं। प्रशासन ने तत्काल राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं।
घटना का विवरण
जानकारी के अनुसार, किश्तवाड़ के पाड्डर क्षेत्र में चशोती के पास अचानक बादल फटने से भारी बाढ़ आ गई। यह इलाका श्री मचैल माता यात्रा का शुरुआती बिंदु है, जहां इस समय हजारों तीर्थयात्री मौजूद थे। मचैल माता यात्रा, जो 25 जुलाई 2025 से शुरू हुई और 5 सितंबर 2025 तक चलेगी, जम्मू क्षेत्र की दूसरी सबसे बड़ी तीर्थयात्रा है। इस आपदा ने यात्रा को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।
किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज शर्मा ने बताया, “चशोती इलाके में अचानक बाढ़ ने तबाही मचाई है। बचाव अभियान शुरू कर दिया गया है, और राहत-बचाव दल मौके पर पहुंच चुके हैं।” स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की तलाश और राहत कार्य में जुटी हैं।
नुकसान का आकलन
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, बादल फटने से आई बाढ़ ने दो महत्वपूर्ण पुलों को क्षतिग्रस्त कर दिया है, जिनमें चशोती पुल भी शामिल है। यह पुल यात्रा मार्ग का अहम हिस्सा था, जिसके निर्माण ने हाल के वर्षों में तीर्थयात्रियों की पैदल यात्रा को 30 किलोमीटर से घटाकर 7 किलोमीटर कर दिया था। पुलों के क्षतिग्रस्त होने से यात्रा मार्ग बाधित हो गया है, जिससे तीर्थयात्रियों और स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
इसके अलावा, कई वाहन और अस्थायी संरचनाएं बाढ़ में बह गई हैं। क्षेत्र में भूस्खलन की भी खबरें हैं, जिसने बचाव कार्यों को और जटिल बना दिया है। प्रशासन ने नुकसान का आकलन शुरू कर दिया है, लेकिन अभी तक प्रभावित लोगों की सटीक संख्या और संपत्ति के नुकसान का पूरा विवरण सामने नहीं आया है।
बचाव और राहत कार्य
जम्मू-कश्मीर पुलिस, एनडीआरएफ, और स्थानीय प्रशासन की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोगों को निकालने के लिए हेलीकॉप्टर सेवाओं को भी तैनात करने की योजना बनाई जा रही है, हालांकि मौसम की खराब स्थिति के कारण इसमें देरी हो सकती है। किश्तवाड़ प्रशासन ने तीर्थयात्रियों और स्थानीय लोगों से सुरक्षित स्थानों पर रहने और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की है।
मचैल माता यात्रा पर प्रभाव
मचैल माता यात्रा, जो देवी दुर्गा (चंडी माता) को समर्पित है, हर साल लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है। इस साल यात्रा में 3 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों के शामिल होने की उम्मीद थी। इस आपदा ने यात्रा को अस्थायी रूप से प्रभावित किया है, और प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अगले आदेश तक यात्रा स्थगित करने की सलाह दी है। गुलाबगढ़ से मचैल मंदिर तक की यात्रा, जो अब तक 7 किलोमीटर पैदल रह गई थी, अब और चुनौतीपूर्ण हो सकती है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
उपायुक्त पंकज शर्मा ने कहा कि प्रशासन स्थिति पर नजर रखे हुए है और प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है। उन्होंने यात्रियों से आधिकारिक वेबसाइट (www.shrimachailmatayatra.com) के माध्यम से नवीनतम जानकारी प्राप्त करने और अपने आधार कार्ड जैसे वैध पहचान पत्र साथ रखने की सलाह दी है। इसके अलावा, आपातकालीन स्थिति के लिए नियंत्रण कक्ष के नंबर (9484217492, 9697610972, और 919906154100) भी जारी किए गए हैं।
निष्कर्ष
यह आपदा मचैल माता यात्रा के दौरान एक बड़ा झटका है, जो न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है। प्रशासन की त्वरित कार्रवाई और बचाव कार्यों से उम्मीद है कि स्थिति जल्द नियंत्रण में आएगी। हालांकि, इस घटना ने एक बार फिर पहाड़ी क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदाओं के प्रति बेहतर तैयारी और बुनियादी ढांचे की जरूरत को उजागर किया है।
श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों से अपील है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और सुरक्षित रहें। स्थिति पर नवीनतम अपडेट के लिए आधिकारिक स्रोतों पर नजर रखें।

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