जम्मू-कश्मीर चेनाब नदी: कर्मचारियों के उपद्रवी या राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों से संबंध, जलविद्युत परियोजना में सुरक्षा और राजनीतिक विवाद गहराया

जम्मू-कश्मीर चेनाब नदी: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में चेनाब नदी पर निर्माणाधीन 850 मेगावाट की रतले जलविद्युत परियोजना को लेकर बड़ा सुरक्षा और राजनीतिक विवाद सामने आया है। यह परियोजना एनएचपीसी और जम्मू-कश्मीर स्टेट पावर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन की जॉइंट वेंचर है, जिसका निर्माण हैदराबाद की कंपनी मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (MEIL) कर रही है। परियोजना की अनुमानित लागत करीब 3,700 करोड़ रुपये है और इसे सितंबर 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य था, लेकिन अब देरी हो रही है।

पुलिस की चेतावनी
1 नवंबर 2025 को किश्तवाड़ के सीनियर सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस (SSP) नरेश सिंह ने MEIL को एक पत्र लिखा, जिसमें परियोजना में कार्यरत 29 कर्मचारियों (मुख्य रूप से किश्तवाड़ के स्थानीय निवासी) के आतंकवादी संबंध या आपराधिक पृष्ठभूमि होने की जानकारी दी गई। पत्र में कहा गया कि ये व्यक्ति “उपद्रवी या राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों” में लिप्त पाए गए हैं, जिससे परियोजना की सुरक्षा को खतरा हो सकता है। पुलिस ने इन कर्मचारियों की सूची संलग्न की और उनकी भर्ती पर पुनर्विचार करने की सलाह दी।

यह पत्र हाल ही में सार्वजनिक हुआ, जिसने विवाद को नया मोड़ दिया। भाजपा की किश्तवाड़ विधायक शगुन परिहार ने इसे अपनी बात का समर्थन बताया, क्योंकि उन्होंने पहले ही परियोजना में संदिग्ध व्यक्तियों की भर्ती पर सवाल उठाए थे।

MEIL का पक्ष
MEIL के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) हरपाल सिंह ने दिसंबर 2025 की शुरुआत में आरोप लगाया कि स्थानीय भाजपा नेताओं, खासकर विधायक शगुन परिहार, के दबाव में कंपनी को अकुशल और अनुभवहीन स्थानीय कर्मचारियों की भर्ती करनी पड़ रही है। परियोजना में कुल 1,434 कर्मचारी हैं, जिनमें से 960 किश्तवाड़, 220 डोडा और अन्य जिलों से हैं। सिंह ने कहा कि राजनीतिक हस्तक्षेप, काम रोकने की धमकियां और यहां तक कि अधिकारियों पर हमले हो रहे हैं, जिससे परियोजना रुक सकती है या कंपनी को बाहर निकलना पड़ सकता है।

सिंह ने पुलिस पत्र पर जवाब देते हुए कहा कि ये 29 कर्मचारी उनके जुलाई 2024 में प्रोजेक्ट जॉइन करने से पहले भर्ती किए गए थे और स्थानीय भाजपा नेताओं के दबाव में ही नियुक्तियां हुईं। कंपनी ने पुलिस को आश्वासन दिया कि संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी।

विधायक और भाजपा का जवाब
शगुन परिहार ने MEIL के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कंपनी अपनी नाकामी छिपाने के लिए उन्हें निशाना बना रही है। उन्होंने दावा किया कि परियोजना में आत्मसमर्पित आतंकवादियों को नौकरी दी जा रही है, जो सुरक्षा के लिए खतरा है। भाजपा ने भी MEIL के आरोपों को “गैर-जिम्मेदाराना” बताया।

मुख्यमंत्री का बयान
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने 15 दिसंबर को कहा कि किश्तवाड़ में चल रही जलविद्युत परियोजनाएं राष्ट्रीय महत्व की हैं और इनमें किसी तरह का राजनीतिक हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कानून प्रवर्तन एजेंसियों से बाधा डालने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा। उमर ने संकेत दिया कि विपक्षी भाजपा के दो विधायक इन परियोजनाओं में दखल दे रहे हैं।

अन्य प्रतिक्रियाएं
• कांग्रेस ने उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
• पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने बिना सबूत के कर्मचारियों को निशाना बनाने की आलोचना की।
यह विवाद परियोजना की सुरक्षा, स्थानीय रोजगार और राजनीतिक हस्तक्षेप के मुद्दों को उजागर कर रहा है। परियोजना पहले भी देरी का शिकार हो चुकी है और अब सुरक्षा चिंताओं ने इसे और जटिल बना दिया है।
ताजा जानकारी के अनुसार, निर्माण कार्य जारी है, लेकिन विवाद सुलझने तक अनिश्चितता बनी हुई है।

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