Sambhal News: जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी के निर्देश पर, महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी और राज्य दीनी तालीमी बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती मोहम्मद अफ्फान मंसूरपुरी की नेतृत्व में जमीयत का एक प्रतिनिधि मंडल ने पुलिस फायरिंग में शहीद हुए लोगों के परिवारों को वित्तीय सहायता और संवेदनाएं देने के लिए संभल पहुंचा। सभी को पांच पांच लाख के डिमांड ड्राफ्ट सौंप दिये।
जमीयत ने प्रत्येक प्रभावित परिवार को 5 लाख की वित्तीय सहायता के डिमांड ड्राफ्ट तैयार किए थे, जिन्हें सीधे परिवार के मुखिया को सौंपा गया। इस प्रक्रिया के दौरान पुलिस वहां पहुंची और प्रतिनिधिमंडल को आगे बढ़ने से रोकने की कोशिश की। इस पर मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि किसी को भी पीड़ितों की मदद और संवेदना व्यक्त करने से रोकने का कोई अधिकार नहीं है।
पीड़ितों की सहायता के साथ अत्याचार के खिलाफ उठी आवाज
मुफ्ती मोहम्मद अफ्फान मंसूरपुरी ने कहा कि हमारा उद्देश्य केवल पीड़ितों की सहायता करना और अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाना है, जिसे हम अपना धर्म समझते हैं। पुलिस के साथ लंबी बातचीत और चर्चा के बाद, प्रतिनिधिमंडल ने शहीदों के परिजनों से संवेदना व्यक्त करते हुए सहायता राशि उनके हवाले की। इस मौके पर यह आश्वासन भी दिया गया कि जमीयत आगे भी सहयोग करती रहेगी और हर संभव मदद के लिए खड़ी रहेगी। उन्होंने कहा, हमने जो भी संभव सहायता की है, उसे केवल संवेदना और दिलासा के रूप में समझा जाए। बाकी लाभ केवल अल्लाह के पास है। हमारी कोशिशें भी सिर्फ अल्लाह की रजा के लिए हैं।
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