जयसलमेर: भारत-पाक सीमा के पास बहला गांव से पकड़ा गया पाकिस्तानी जासूस, ऑपरेशन सिंदूर की गोपनीय जानकारी ISI को भेजता था

Jaisalmer News: राजस्थान के जयसलमेर जिले में भारत-पाकिस्तान सीमा के निकट बहला गांव से गिरफ्तार पाकिस्तानी जासूस हनीफ खान ने पुलिस पूछताछ के दौरान चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। 47 वर्षीय हनीफ ने स्वीकार किया कि उसने भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां, साथ ही सुरक्षा बलों की तस्वीरें और वीडियो पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को भेजे थे। जांच में सामने आया है कि हनीफ अक्सर सेना, वायुसेना और बीएसएफ के कैंपों के आसपास जाकर गतिविधियों का वीडियो बनाता और व्हाट्सएप वीडियो कॉल के जरिए पाकिस्तान भेजता था। इसके अलावा, उसने सेना के काफिलों, वाहनों, निगरानी टावरों, सोलर प्रोजेक्ट्स और हवाई गतिविधियों की विस्तृत जानकारी भी साझा की।

राजस्थान सीआईडी इंटेलिजेंस ने 25 सितंबर को हनीफ को गिरफ्तार किया। वह मूल रूप से जयसलमेर के बसनपीर जूनी गांव का निवासी है, लेकिन बहला गांव में रहता था, जो अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे क्षेत्र में स्थित है। पूछताछ में हनीफ ने बताया कि वह पैसे के लालच में पाकिस्तानी हैंडलर्स के संपर्क में था और सोशल मीडिया के माध्यम से उनसे जुड़ा हुआ था। अधिकारियों के अनुसार, हनीफ सीमा क्षेत्रों जैसे मोहनगढ़ में बार-बार घूमता था और प्रतिबंधित सैन्य क्षेत्रों तक पहुंच बनाए रखता था। इस गिरफ्तारी के साथ जयसलमेर में इस साल जासूसी से जुड़ी पांचवीं कार्रवाई हो गई है।

हनीफ के खिलाफ आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम (ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट) के तहत मामला दर्ज किया गया है। विशेष जांच टीम ने रविवार को उसे जयसलमेर ले जाकर सत्यापन किया, जहां उसके फोन और डिवाइसों से कई सबूत बरामद हुए। जांच एजेंसियों का मानना है कि हनीफ की गतिविधियां न केवल सैन्य सुरक्षा को खतरे में डाल रही थीं, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता को भी प्रभावित कर रही थीं। पुलिस ने उसके पाकिस्तानी संपर्कों की जांच तेज कर दी है।

ऑपरेशन सिंदूर: पृष्ठभूमि और महत्व
यह मामला भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से सीधे जुड़ा हुआ है, जो 7 मई 2025 को पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिक मारे गए थे। ऑपरेशन के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में स्थित जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। इन हमलों ने आतंकी लॉन्चपैड्स को नेस्तनाबूद कर दिया और पाकिस्तान को युद्धविराम की गुजारिश करने पर मजबूर कर दिया।

सेना ने हाल ही में ऑपरेशन का एक वीडियो जारी किया, जिसमें पाकिस्तान की ड्रोन हमलों की नाकामी और भारतीय जवाबी कार्रवाई को दर्शाया गया। यह ऑपरेशन ‘एक सेना’ की अवधारणा पर आधारित था, जिसमें समन्वित आग से आतंकी ठिकानों को राख कर दिया गया। विशेषज्ञों के अनुसार, हनीफ जैसे जासूसों की सक्रियता ने इस ऑपरेशन के दौरान भारतीय बलों की गोपनीयता को खतरा पहुंचाया।

जांच और आगे की कार्रवाई
सीआईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “हनीफ ने न केवल वीडियो और फोटो भेजे, बल्कि सैन्य गतिविधियों का रीयल-टाइम अपडेट भी ISI को देता था। हम उसके नेटवर्क को पूरी तरह उजागर करने के लिए काम कर रहे हैं।” इस घटना ने सीमा सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं, खासकर सोशल मीडिया के दुरुपयोग को लेकर। केंद्र सरकार ने राजस्थान में जासूसी नेटवर्क के खिलाफ विशेष अभियान तेज करने के निर्देश दिए हैं।
यह गिरफ्तारी भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच एक महत्वपूर्ण सफलता मानी जा रही है, जो दर्शाती है कि खुफिया एजेंसियां लगातार सतर्क हैं। आगे की जांच जारी है, और हनीफ को रिमांड पर लिया जा सकता है।

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