CBSE द्वारा गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट में गंभीर खुलासे हुए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, अमायरा स्कूल में बुलिंग (प्रताड़ना) का शिकार थी। मौत से महज 45 मिनट पहले उसने 5 बार अपनी टीचर से मदद मांगी, लेकिन उसकी गुहार अनसुनी कर दी गई। कमेटी ने इसे बच्चे की सुरक्षा मानकों का ‘गंभीर उल्लंघन’ और ‘सिस्टमिक फेल्योर’ करार दिया है। स्कूल प्रबंधन की लापरवाही को बच्चे की मानसिक स्वास्थ्य और सुरक्षा सुनिश्चित करने में नाकामी बताया गया।
छात्रों पर क्या होगा असर?
• वर्तमान सत्र (2025-26) में पढ़ रहे कक्षा 10 और 12 के छात्रों की बोर्ड परीक्षाएं प्रभावित नहीं होंगी। वे इसी स्कूल से परीक्षा दे सकेंगे।
• स्कूल आगामी सत्र से कक्षा 9 से 12 तक नए प्रवेश नहीं ले सकेगा।
• स्कूल को सेकेंडरी स्तर (कक्षा 10 तक) की मान्यता बहाल करने के लिए 2027-28 सत्र से आवेदन करने की अनुमति दी गई है, बशर्ते सभी कमियां दूर की जाएं।
• स्कूल पर जुर्माने की भी संभावना जताई गई है।
घटना का बैकग्राउंड
1 नवंबर 2025 को अमायरा ने स्कूल की चौथी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली थी। माता-पिता ने स्कूल में बुलिंग और सुरक्षा लापरवाही का आरोप लगाया था। घटना के बाद स्कूल प्रबंधन ने करीब 50 दिन बाद दो टीचर्स को सस्पेंड किया था। अभिभावकों ने CBSE मान्यता रद्द करने की मांग की थी, जिस पर अब बोर्ड ने सख्त कार्रवाई की है।
यह घटना स्कूलों में बच्चों की मानसिक स्वास्थ्य और एंटी-बुलिंग नीतियों की जरूरत को रेखांकित करती है। राज्य सरकार की ओर से अभी स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कोई अलग कार्रवाई नहीं की गई है।

