प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड के बाद अतीक और अशरफ की हत्या के बाद अब नए नए खुलासे हो रहे है। उमेश पाल की हत्या की साजिश 11 फरवरी को बरेली के केंद्रीय कारागार टू में बनाई गई थी, यह बात काफी पहले साबित हो चुकी है। अब जेल में अशरफ से मिलने आए असद समेत शूटरों का सीसीटीवी फुटेज वायरल हो रहा है।
11 फरवरी को हुई इस मुलाकात का जो वीडियो वायरल हो रहा है, उसमें गुड्डू मुस्लिम उर्फ गुड्डू बमबाज, असद, उस्मान और गुलाम के चेहरे पूरी तरह पहचान में आ रहे हैं। इनमें से गुड्डू मुस्लिम को छोड़कर बाकी तीनों एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं। बाकी शूटर अभी तक फरार हैं।
एसटीएफ की जांच-पड़ताल में अतीक अहमद के बेटे असद का आधार कार्ड पर्ची के साथ मिला था। दोपहर 1.22 बजे सात से आठ लोग जेल आए थे जो 3.14 बजे बाहर निकले। पौने दो घंटे जेल में बिताने के बाद ये लोग चले गए। इससे पहले 26 सितंबर 2021 से 26 जून 2022 के बीच में नौ मुलाकातें कंप्यूटराइज्ड पर्ची से कराई गई थीं।
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शेष 23 मुलाकातें 14 आवेदन पत्रों पर मैनुअल तरीके से कराई गई थीं। इन मुलाकातों के लिए केवल दो से तीन लोगों के नाम पते और पहचान पत्र जमा कराए गए थे। इन बिंदुओं पर जांच के बाद पुलिस व डीआईजी जेल की रिपोर्ट के आधार पर वरिष्ठ जेल अधीक्षक समेत सात अधिकारी व कर्मचारी संस्पेड हो चुके हैं।
जेल वार्डर शिवहरि अवस्थी व मनोज गौड़ अभी जेल में बंद हैं। इनके खिलाफ एसआईटी मुकदमा भी दर्ज करा चुकी है। अब वीडियो वायरल होने से उमेश पाल हत्याकांड की दोबारा चर्चा होने लगी है।
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बिथरी पुलिस व एसआईटी ने अशरफ से मुलाकात करने वाले जिन राशिद और फुरकान को गिरफ्तार किया था, वे भी अशरफ को नहीं जानते थे। राशिद ने बताया कि लल्ला गद्दी उसका फुफेरा भाई है। बिरादरी का होने के नाते वह उसे 25 जनवरी को अशरफ से मिलवाने ले गया था। इस दौरान जाइद गद्दी, बब्बू गद्दी आदि लोग साथ थे।