नई दिल्ली । तिहाड़ जेल में पिछले दिनों हुई गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या और जेल प्रशासन की विफलता पर उच्च न्यायालय ने गुरुवार को कड़ी नाराजगी जाहिर की। हत्या से संबंधित फुटेज देखने के बाद हाईकोर्ट ने कहा कि यह घटना परेशान करने वाली है। न्यायालय ने अधिकारियों से सवाल करते हुए कहा कि आखिर समय रहते घटना को रोका क्यों नहीं गया। तिहाड़ जेल में प्रतिद्वंधी गिरोह के कैदियों ने टिल्लू की कथित तौर पर चाकूनुमा हथियार से हमला कर हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड का पूरा घटनाक्रम सीसीटीवी में कैद हो गया था। जस्टिस जसमीत सिंह ने कहा कि मुझे क्या परेशान करता है कि हत्या को सीसीटीवी पर देखा जा रहा है। पुलिस इतना समय कैसे ले सकती है कि इसे रोका नहीं जा सकता, जबकि घटना हो रही है? उन्होंने इस बारे में दिल्ली सरकार के वकील राहुल त्यागी से सवाल किया।
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न्यायालय ने जानना चाहा कि क्या जेल के भीतर पुलिसकर्मियों को कैदियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हथियार से लैस किया जा सकता है। इसके जवाब में त्यागी ने बताया कि ?जेल में लगभग 20,000 कैदी हैं, जेल परिसर में किसी भी तरह के हथियार ले जाना जेल नियमावली के खिलाफ है। हालांकि दिल्ली सरकार ने कहा कि वह इस तरह की घटना की पुनरावृति न हो, इसके लिए त्वरित कार्रवाई दल (क्यूआरटी) बना रहे हैं। क्यूआरटी में तैनात सुरक्षाकर्मी हथियार से लैस होंगे। सरकार/जेल की ओर से कहा कि यह एक क्रूर घटना है, लेकिन हमारी प्रतिक्रिया तत्काल नहीं होनी चाहिए। इसमें शांति के साथ समुचित निर्णय लें।
घटना होने का इंतजार क्यों करना पड़ता है
न्यायालय ने जानना चाहा कि क्या जेल में तैनात पुलिसकर्मी वॉकी-टॉकी उपकरणों से लैस हैं। इस पर सरकारी वकील ने कहा कि निगरानी क्षेत्र जेल से 600 मीटर दूर है, इसलिए हर बार व्यक्ति को निगरानी क्षेत्र से 600 मीटर दूर जेल तक जाना होगा। इस पर जस्टिस सिंह ने कहा कि हमें किसी घटना के होने का इंतजार क्यों करना पड़ता है और फिर हम कहते हैं कि कठिन मामले खराब कानून और घुटने टेकने वाली प्रतिक्रिया बनाते हैं? यह कैसे उचित है? उच्च न्यायालय में गुरुवार को गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया के पिता और भाई की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई हो रही थी। याचिका में हत्याकांड की सीबीआई से जांच कराने की मांग की गई है