प्रधानमंत्री को गाली देना आसान, बनना मुश्किल

NDA’s historic victory/Acharya Pramod Krishnam News: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों ने राजनीतिक हलचल मचा दी है। एनडीए ने भारी बहुमत हासिल कर लिया है, जबकि महागठबंधन को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी। इस बीच, पूर्व कांग्रेस नेता और कल्कि धाम प्रमुख आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि मोदी को गाली देना आसान है, लेकिन उनकी तरह बनना बेहद मुश्किल। आचार्य ने बिहार की जनता के संदेश को भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में गूंजता हुआ बताया।

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, “मोदी को गाली देना बहुत आसान है, लेकिन मोदी बनना बहुत मुश्किल। मोदी बनने के लिए देश की मिट्टी के प्रति समर्पित होना पड़ता है।” उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए चेतावनी दी कि जब तक वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि खराब करने की साजिश रचेंगे, देश की जनता उन्हें आईना दिखाती रहेगी। “भारत की जनता कुछ भी सहन कर सकती है, लेकिन मोदी जी की छवि खराब करने की साजिश अब बर्दाश्त नहीं होगी।” यह बयान एएनआई को दिए साक्षात्कार में दिया गया।

बिहार चुनाव परिणामों ने एनडीए को 200 से अधिक सीटें दिलाई हैं, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘अच्छे शासन और विकास’ की जीत करार दिया। नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जेडीयू और भाजपा के गठबंधन ने महागठबंधन को पीछे छोड़ दिया। विपक्षी दलों पर ‘जंगल राज’ और ‘तुष्टिकरण की राजनीति’ का आरोप लगाते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि बिहार की जनता ने विकास के पक्ष में वोट दिया।

भाजपा सांसद रवि किशन और संबित पात्रा ने भी राहुल गांधी के आलोचना को नकारते हुए कहा कि उनकी ‘अपशब्दों’ वाली राजनीति ही कांग्रेस की हार का कारण बनी।

आचार्य प्रमोद कृष्णम, जो 2024 में कांग्रेस से निष्कासित हो चुके हैं, लंबे समय से राहुल गांधी की आलोचना करते आ रहे हैं।

अगस्त 2025 में उन्होंने राहुल की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ को ‘बिना आत्मा’ का बताया था और कहा था कि यह भारत जोड़ो यात्रा की तरह असफल होगी। सितंबर में भी उन्होंने राहुल के ‘लोकतंत्र बचाना मेरा काम नहीं’ वाले बयान पर तंज कसा था। लेकिन बिहार चुनाव के बाद उनका यह बयान सबसे तीखा माना जा रहा है।

वहीं, सोशल मीडिया पर इस बयान को लेकर बहस छिड़ गई है। कई यूजर्स आचार्य के समर्थन में हैं, जबकि विपक्ष समर्थक इसे ‘भाजपा प्रचार’ बता रहे हैं। राहुल गांधी ने चुनाव से पहले ‘वोट चोरी’ के आरोप लगाए थे, जिसे आचार्य ने ‘देश में अराजकता फैलाने की साजिश’ करार दिया।

यह चुनाव नतीजे न केवल बिहार, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति को प्रभावित करेंगे। आचार्य के बयान ने विपक्ष पर नया दबाव डाल दिया है, जबकि मोदी सरकार की लोकप्रियता में इजाफा हुआ लगता है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह बयान 2029 के लोकसभा चुनावों की दिशा तय करने वाला साबित हो सकता है।

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