ISMR: भारत को एक आकर्षक निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित किया: गोयल

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26 अगस्‍त को भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय बैठक में 4 केंद्रीय मंत्री होंगे शामिल

ISMR: नई दिल्‍ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को दूसरे भारत सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज (आईएसएमआर) से एक दिन पहले प्रमुख वैश्विक निवेश फर्मों के नेताओं के साथ मुलाकात की। गोयल आईएसएमआर में भाग लेने के लिए 25-26 अगस्त के दो दिवसीय आधिकारिक दौरे पर सिंगापुर में हैं। वाणिज्‍य मंत्री ने कहा कि सिंगापुर में आज एक बहुत ही फलदायी दिन का समापन हुआ, जिसमें 500 अरब अमेरिकी डॉलर से ज्‍यादा की प्रबंधन परिसंपत्तियों वाली प्रमुख वैश्विक निवेश फर्मों के नेताओं के साथ बातचीत और चर्चा हुई। गोयल ने कहा कि भारत को एक आकर्षक निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित किया और इन बहुराष्ट्रीय कंपनियों को हमारी विकास यात्रा का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया।

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वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय ने जारी एक बयान में बताया कि दूसरा भारत सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन का आयोजन 26 अगस्त 2024 को सिंगापुर में होने वाला है। भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय बैठक में 4 केंद्रीय मंत्री शामिल होंगे। इसमें केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण, विदेश मंत्री डॉ सुब्रह्मण्यम जयशंकर और रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव भाग लेंगे। गोयल 26 अगस्त को आयोजित दूसरे भारत सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन में भाग लेंगे। इस बैठक में वाणिज्य मंत्री द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए रणनीतियां तलाशेंगे। इसके अलावा वे अपनी यात्रा के दौरान मंत्री अपने सिंगापुरी समकक्षों और नेतृत्व के साथ बातचीत करेंगे।

उल्‍लेखनीय है‍ कि सिंगापुर, भारत के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का एक प्रमुख स्रोत रहा है। वाणिज्‍य मंत्रालय के मुताबिक वित्‍त वर्ष 2023-24 में सिंगापुर भारत के लिए एफडीआई का सबसे बड़ा स्रोत था, जिसमें अनुमानित 11.77 अरब डॉलर का निवेश हुआ था। अप्रैल 2000 से लेकर मार्च 2024 तक सिंगापुर से एफडीआई का संचयी प्रवाह करीब 159.94 बिलियन डॉलर है। द्विपक्षीय व्यापार में सिंगापुर वित्‍त वर्ष 2023-24 में भारत का छठा सबसे बड़ा वैश्विक व्यापार भागीदार था, जिसका कुल व्यापार 35.61 अरब डॉलर था, जो आसियान के साथ भारत के कुल व्यापार का करीब 29 फीसदी है।

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