पाकिस्तान और सूडान के बीच, अरबो डॉलर का हथियार सौदा, क्षेत्रीय स्थिरता पर उढ़े सवाल

Islamabad News: पाकिस्तान ने सूडान की सैन्य सरकार (जुंटा) के साथ 1.5 अरब डॉलर के घातक हथियारों की बिक्री के लिए एक महत्वपूर्ण रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस सौदे में मानव रहित युद्धक ड्रोन (UCAVs), जेट विमान, मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम (MLRS) और अन्य सहायक सैन्य उपकरण शामिल हैं। इसके अलावा, पाकिस्तान सूडानी सशस्त्र बलों को प्रशिक्षण भी प्रदान करेगा।
सौदे का विवरण और पृष्ठभूमि
यह समझौता सूडान की सैन्य इंडस्ट्री कॉर्पोरेशन और पाकिस्तान के बीच हुआ है, जिसे एक “मित्र राष्ट्र” की वित्तीय सहायता से समर्थन प्राप्त है। सूडान, जो इस समय गंभीर आर्थिक संकट और आंतरिक संघर्ष से जूझ रहा है, ने पहले भारत के साथ रक्षा सौदों को अस्वीकार कर दिया था। इसके बाद उसने पाकिस्तान के साथ इस बड़े पैमाने पर हथियार सौदे को अंतिम रूप दिया। इस सौदे में शामिल हथियारों में उन्नत तकनीक वाले ड्रोन और जेट विमान शामिल हैं, जो सूडान की सैन्य क्षमता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
आलोचना और चिंताएँ
इस सौदे ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय में कई सवाल खड़े किए हैं, खासकर सूडान में चल रहे मानवीय संकट के बीच। सूडान इस समय भुखमरी, आर्थिक अस्थिरता और हिंसक संघर्षों से जूझ रहा है। ऐसे में, सैन्य उपकरणों पर इतनी बड़ी राशि खर्च करने के फैसले की आलोचना हो रही है।
इसके अलावा, क्षेत्रीय स्थिरता पर इस सौदे के प्रभाव को लेकर भी चिंताएँ हैं। सूडान में पहले से ही सैन्य जुंटा और विभिन्न विद्रोही समूहों के बीच संघर्ष जारी है। इस सौदे से सूडान की सैन्य ताकत बढ़ सकती है, लेकिन यह क्षेत्र में और अधिक अस्थिरता को जन्म दे सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के हथियार सौदे सूडान के पड़ोसी देशों, जैसे दक्षिण सूडान और इथियोपिया, के साथ तनाव को और आगे बढ़ा सकते हैं।
पाकिस्तान की रणनीति
पाकिस्तान के लिए यह सौदा आर्थिक और रणनीतिक दोनों दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को इस सौदे से विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि की उम्मीद है। हाल के वर्षों में, पाकिस्तान ने अपनी रक्षा निर्यात नीति को मजबूत करने पर ध्यान दिया है, और यह सौदा उस दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। हालांकि, भारत जैसे पड़ोसी देशों ने इस सौदे पर चिंता जताई है, क्योंकि इससे क्षेत्रीय शक्ति संतुलन प्रभावित हो सकता है।
भारत का दृष्टिकोण
भारत ने पहले ही अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान के हथियार सौदों और संभावित आतंकवाद समर्थन को लेकर सवाल उठाए हैं। सूडान के साथ इस सौदे को लेकर भी भारत ने चिंता व्यक्त की है। भारत का मानना है कि ऐसी वित्तीय सहायता का उपयोग आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए हो सकता है।
निष्कर्ष
पाकिस्तान और सूडान के बीच यह रक्षा समझौता दोनों देशों के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हो सकता है, लेकिन यह क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर कई सवाल उठाता है। सूडान के आंतरिक संकट और पाकिस्तान की आर्थिक जरूरतों के बीच यह सौदा न केवल दोनों देशों के संबंधों को प्रभावित करेगा, बल्कि अफ्रीका और दक्षिण एशिया में शक्ति संतुलन पर भी असर डालेगा। अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस सौदे के प्रभावों पर नजर रखे हुए है, और आने वाले समय में इसके परिणामों पर और चर्चा होने की संभावना है।

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