आईएसआईएस आतंकी को जेल में ‘वीआईपी’ ट्रीटमेंट

Bengaluru News: कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के परप्पना अग्रहारा सेंट्रल जेल में कैदियों को मिल रही ‘वीआईपी’ सुविधाओं का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में आईएसआईएस के एक कुख्यात भर्तीकर्ता सहित अन्य गंभीर अपराधियों को मोबाइल फोन, टीवी और लग्जरी सुविधाओं का आनंद लेते देखा गया है। इस घटना पर विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कांग्रेस सरकार पर जमकर निशाना साधा और आज सीएम सिद्धारमैया के आधिकारिक आवास ‘कृष्णा’ के बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।

प्रदर्शन में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र, विधानसभा में विपक्ष के नेता आर. अशोका और सांसद तेजस्वी सूर्या सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए। नारेबाजी करते हुए प्रदर्शनकारियों ने प्लेकार्ड लहराए, जिन पर लिखा था- ‘आतंकियों को लग्जरी जेल, जनता को न्याय कब?’ और ‘कांग्रेस की सॉफ्ट लाइन से खतरा राष्ट्रीय सुरक्षा को!’। पुलिस ने प्रदर्शन को शांतिपूर्ण ढंग से समाप्त करने के लिए भारी सुरक्षा बल तैनात किया और नेताओं को शिवानंदा सर्कल पर हिरासत में ले लिया।

वायरल वीडियो ने खोला राज
सोशल मीडिया पर शनिवार को वायरल हुए वीडियो में जेल के अंदर कैदी खुले आम मोबाइल फोन पर बातचीत करते, टीवी देखते और पार्टी मनाते नजर आ रहे हैं। इनमें आईएसआईएस का कुख्यात भर्तीकर्ता जुहैब हमीद शकील मन्ना (जिसे दुबई से राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी ने प्रत्यर्पित किया था), सीरियल रेपिस्ट और हत्यारा उमेश रेड्डी तथा गोल्ड स्मगलर तरुण राज जैसे अपराधी शामिल हैं। मन्ना पर युवाओं को आईएसआईएस में भर्ती करने और फंड जुटाने के आरोप हैं। वीडियो में उसे एसी रूम, स्मार्टफोन और यहां तक कि बर्नविटा जैसी लग्जरी सुविधाएं मिलती दिखाई दे रही हैं।

बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर वीडियो शेयर करते हुए कहा, “कांग्रेस शासित कर्नाटक में आतंकवादी को वीआईपी ट्रीटमेंट! यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सीधा खतरा है।” प्रदेश अध्यक्ष विजयेंद्र ने तो राहुल गांधी पर भी निशाना साधा, “राहुल गांधी विदेश जाकर भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप मांगते हैं, क्या वे अब इन आतंकियों को अशांति फैलाने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं?”

सरकार का बचाव और कार्रवाई
कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वरा ने वीडियो को ‘बकवास’ करार देते हुए कहा, “ऐसी बकवास बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”

उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक बुलाई और जेल अधीक्षक मागेरी तथा एएसपी अशोक भजंत्री को निलंबित कर दिया। जेल प्रमुख को स्थानांतरित करने के आदेश जारी हो चुके हैं। सीएम सिद्धारमैया ने भी सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया और कहा, “ऐसी घटनाओं पर जीरो टॉलरेंस।” हालांकि, विपक्ष का कहना है कि यह केवल दिखावा है और गृह मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए।

बीजेपी नेता आर. अशोका ने कहा, “कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। जेलें अब आतंकियों के लिए रिसॉर्ट बन गई हैं। मुख्यमंत्री और गृह मंत्री को जवाबदेह बनना होगा।” पूर्व पुलिस कमिश्नर भास्कर राव ने भी सरकार की निंदा की, “यह प्रशासनिक विफलता का प्रतीक है।”

राजनीतिक रंग
यह पहली बार नहीं है जब परप्पना अग्रहारा जेल विवादों में घिरी है। अक्टूबर में कुख्यात गैंगस्टर गुब्बाची सीना का जन्मदिन जेल में मनाए जाने का वीडियो वायरल होने पर नौ अधिकारियों को निलंबित किया गया था। बीजेपी ने इसे ‘कांग्रेस की वोटबैंक राजनीति’ का नाम देते हुए विधान सौधा तक मार्च निकालने का ऐलान किया है। राज्य में कानून-व्यवस्था को लेकर सियासत तेज हो गई है, जबकि एनआईए ने मामले की जांच तेज करने का संकेत दिया है।

यह घटना कर्नाटक सरकार के लिए बड़ा झटका साबित हो रही है, जहां पहले से ही आंतरिक कलह की खबरें आ रही हैं। विपक्ष का दबाव बढ़ रहा है, और जनता में असुरक्षा की भावना पैदा हो रही है। विकास की दौड़ में बेंगलुरु अगर सुरक्षित नहीं रहा, तो यह राज्य की छवि पर दाग लगाएगा।

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