श्रम संहिताएं लागू होने पर सरकार, नियोक्ता और कर्मचारियों के बीच संवाद जरूरी: आईएलओ
आईएसएसए ने ग्लोबल सोशल सिक्योरिटी कोशिशों को बढ़ावा देने के लिए भारत के लेबर कोड का किया स्वागत
International Labour Organization: नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसले में चार श्रम संहिताओं को तत्काल प्रभाव से अधिसूचित कर दिया है। अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) और अंतरराष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा संघ (आईएसएसए) जैसे जाने-माने इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन ने 21 नवंबर को 4 लेबर कोड लागू करने की भारत सरकार की घोषणा का स्वागत किया है।
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श्रम और रोजगार मंत्रालय ने शनिवार को जारी एक बयान में बताया कि अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के महानिदेशक गिल्बर्ट एफ हौंग्बो ने कहा कि भारत में श्रम संहिताएं लागू होने के बीच सरकार, नियोक्ता और कर्मचारियों के बीच सामाजिक संवाद बहुत जरूरी है, तभी ये संहिताएं कर्मचारियों और कारोबार, दोनों के लिए फायदेमंद होंगी।
गिल्बर्ट एफ हौंग्बो ने ‘एक्स’ पर जारी पोस्ट में लिखा, ”भारत में श्रम संहिताओं को लागू किए जाने को मैं बड़ी दिलचस्पी से देख रहा हूं। खासकर सामाजिक सुरक्षा और न्यूनतम मजदूरी से जुड़े हिस्सों को।”
उन्होंने आगे कहा कि सरकार, नियोक्ता और श्रमिक के बीच सोशल बातचीत जरूरी रहेगी, क्योंकि रिफॉर्म्स लागू किए जा रहे हैं ताकि यह पक्का हो सके कि वे श्रमिक और व्यवसाय के लिए सकारात्मक हों।”
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अंतरराष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा संघ ने ‘एक्स’ पोस्ट पर जारी अपने बयान में कहा, “भारत के लेबर कोड्स मजबूत और ज्यादा सबको साथ लेकर चलने वाले सोशल सिक्योरिटी सिस्टम के लिए दुनिया भर में हो रही कोशिशों को रफ़्तार देते हैं। आईएसएसए इस मील के पत्थर का स्वागत करता है और कवरेज, सुरक्षा और इंस्टीट्यूशनल क्षमता में लगातार निवेश को बढ़ावा देता है।”
इस बीच श्रम संहिताओं पर प्रतिक्रिया देते हुए पॉलिसीबाजार फॉर बिजनेस के निदेशक सज्जा प्रवीण चौधरी ने कहा कि 40 साल से ऊपर के कर्मचारियों के लिए सालाना स्वास्थ्य जांच अनिवार्य करना यह दिखाता है कि अब संगठन अपने कर्मचारियों की सेहत को कितनी गंभीरता से ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि लंबे समय में यह नीति और सक्रिय स्वास्थ्य प्रबंधन का मेल नियोक्ता और कर्मचारी दोनों को फायदा देगा।
मंत्रालय ने कहा कि इन श्रम सुधारों को सोशल प्रोटेक्शन को मजबूत करने, मिनिमम वेज फ्रेमवर्क को बेहतर बनाने और इंस्टीट्यूशनल कैपेसिटी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम मानते हुए इन वैश्विक संस्थाओं ने इस बात पर भी जोर दिया है कि भारत की कोशिशें इनक्लूसिव और मॉडर्न लेबर सिस्टम पर बड़े इंटरनेशनल डिस्कोर्स में अहम योगदान देती हैं। उनकी बातें ग्लोबल लेबर और सोशल सिक्योरिटी स्टैंडर्ड को बनाने में भारत की बढ़ती लीडरशिप को और दिखाती हैं।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने शुक्रवार को 4 श्रम संहिताओं को अधिसूचित कर दिया है। इसके जरिए 29 मौजूदा श्रम कानूनों को युक्तिसंगत बनाया गया है। ये श्रम संहिताएं रोजगार को औपचारिक बनाएंगी, श्रमिकों की सुरक्षा मजबूत करेंगी और श्रम पारिस्थितिकी तंत्र को सरल, सुरक्षित और वैश्विक रूप से एकीकृत बनाएंगी।
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