बंगाल विधानसभा चुनाव घुसपैठ मुख्य मुद्दा: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर तीखा हमला बोलते हुए अमित शाह को ‘दुशासन’ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘दुर्योधन’ की संज्ञा दी। बांकुड़ा जिले के बिरसिंहपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए ममता ने शाह के उस बयान का करारा जवाब दिया, जिसमें शाह ने बंगाल को आतंकवादियों का केंद्र बताया था।
ममता बनर्जी ने सवाल उठाया, “अगर जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी नहीं हैं, तो पहलगाम में आतंकी हमला कैसे हुआ? क्या वह हमला केंद्र सरकार ने खुद कराया था? दिल्ली में जो घटना हुई, उसके पीछे कौन था?” उन्होंने कहा, “दुशासन (अमित शाह) शकुनी का शिष्य बनकर बंगाल में जानकारी इकट्ठा करने आए हैं। चुनाव आते ही दुशासन और दुर्योधन नजर आने लगते हैं।”
पहलगाम और दिल्ली हमलों का जिक्र
• पहलगाम हमला: 22 अप्रैल 2025 को पाकिस्तान आधारित लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने पहलगाम में पर्यटकों पर हमला किया था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे।
• दिल्ली हमला: नवंबर 2025 में जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े एक मॉड्यूल ने लाल किले के पास कार बम विस्फोट किया, जिसमें 15 लोगों की मौत हुई थी।
अमित शाह के आरोप और बंगाल दौरा
अमित शाह तीन दिवसीय बंगाल दौरे पर हैं। कोलकाता में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन्होंने आरोप लगाया कि बंगाल में घुसपैठ बढ़ रही है और राज्य सरकार बांग्लादेश सीमा पर बाड़ लगाने के लिए जमीन नहीं दे रही। शाह ने कहा कि 2026 के विधानसभा चुनाव में घुसपैठ मुख्य मुद्दा होगा और भाजपा सत्ता में आई तो घुसपैठियों को बाहर करेगी।
ममता ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा, “सीमा पर पेट्रापोल और चांग्राबंदा में जमीन पहले ही दी जा चुकी है। रेलवे परियोजनाओं के लिए भी राज्य ने जमीन उपलब्ध कराई है।”
मतदाता सूची संशोधन (SIR) पर विवाद
ममता ने विशेष गहन संशोधन (SIR) अभियान को ‘बड़ा घोटाला’ करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि AI का इस्तेमाल कर 1.5 करोड़ लोगों के नाम काटने की योजना है, जिससे राजबंशी, मतुआ और आदिवासी समुदाय प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा, “SIR के नाम पर गरीबों को प्रताड़ित किया जा रहा है। कई BLO (बूथ लेवल ऑफिसर) आत्महत्या कर चुके हैं।”
चुनाव आयोग द्वारा प्रकाशित ड्राफ्ट मतदाता सूची में 58 लाख से अधिक नाम हटाए गए हैं। भाजपा का दावा है कि अंतिम सूची में 1.5 करोड़ फर्जी वोटरों के नाम कटेंगे। ममता ने चेतावनी दी कि अगर एक भी वैध मतदाता का नाम कटा तो तृणमूल कांग्रेस दिल्ली में चुनाव आयोग का घेराव करेगी।
बंगाली मजदूरों पर अत्याचार का मुद्दा
ममता ने ओडिशा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में बंगाली प्रवासी मजदूरों पर हो रहे अत्याचारों का भी जिक्र किया। हाल ही में ओडिशा के संबलपुर में 19 वर्षीय ज्वेल शेख की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी, क्योंकि उसे बांग्लादेशी समझा गया। ममता ने कहा, “अगर हम चाहते तो कोलकाता में उत्कल भवन घेर लेते, लेकिन हम ऐसा नहीं करते।”
2026 के विधानसभा चुनाव से पहले बंगाल में राजनीतिक पारा चढ़ गया है। भाजपा जहां घुसपैठ और विकास को मुद्दा बना रही है, वहीं तृणमूल कांग्रेस इसे बंगाल और बंगालियों पर हमला बता रही है। आने वाले महीनों में यह टकराव और तेज होने की संभावना है।

