हाल ही में 2 दिसंबर से शुरू हुई कैंसलेशन की श्रृंखला ने इंडिगो के नेटवर्क को बुरी तरह प्रभावित किया। 3, 4 और 5 दिसंबर को सैकड़ों फ्लाइट्स रद्द होने से दिल्ली, मुंबई और अन्य प्रमुख एयरपोर्ट्स पर हाहाकार मच गया। यात्रियों ने अतिरिक्त खर्च, मिस्ड कनेक्शन्स और होटल बुकिंग्स के नुकसान की शिकायतें कीं। इंडिगो ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि “हमारे कुछ यात्रियों को भीड़भाड़ और देरी के कारण गंभीर परेशानी हुई, जिसके लिए हमें खेद है।” कंपनी ने स्पष्ट किया कि ये वाउचर उन यात्रियों के लिए हैं जिन्हें “गंभीर रूप से प्रभावित” (severely impacted) माना गया है।
किसे मिलेगा लाभ? मुआवजे की पूरी डिटेल
• ट्रैवल वाउचर: ₹10,000 का वाउचर उन यात्रियों को, जो 3-5 दिसंबर को लंबी देरी या कैंसलेशन से बुरी तरह प्रभावित हुए। यह DGCA (डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) के नियमों के तहत ब्लॉक टाइम (फ्लाइट का कुल समय) पर आधारित होगा।
• कैश मुआवजा: अगर फ्लाइट 24 घंटे पहले कैंसल हुई, तो ₹5,000 से ₹10,000 तक का मुआवजा। यह रिफंड के अतिरिक्त है।
• रिफंड स्टेटस: इंडिगो के अनुसार, 6 दिसंबर तक प्रभावित फ्लाइट्स के 100% रिफंड प्रोसेस हो चुके हैं। बाकी के जल्द ही जारी होंगे।
यह घोषणा NDTV और इकोनॉमिक टाइम्स जैसी मीडिया रिपोर्ट्स में प्रमुखता से छपी है, जहां कंपनी ने ऑपरेशंस को “सामान्य” बताते हुए कहा कि अब 1,900 से अधिक दैनिक फ्लाइट्स सुचारू रूप से उड़ान भर रही हैं।
सरकारी सख्ती और कोर्ट का हस्तक्षेप
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजारापु ने इंडिगो के CEO पीटर एल्बर्स को तलब किया और 10% रूट कर्टेलमेंट का आदेश दिया। इसका मतलब है कि एयरलाइन को अपनी कुल उड़ानों में 10% कटौती करनी होगी, ताकि ऑपरेशंस स्थिर हों। सभी गंतव्य कवर होंगे, लेकिन फेयर कैपिंग और यात्री सुविधाओं का सख्त पालन सुनिश्चित किया जाएगा। दिल्ली हाई कोर्ट ने भी सरकार से सवाल किया कि अन्य एयरलाइंस ने क्यों बढ़े हुए किराए वसूले, जबकि इंडिगो की कैंसलेशन ने अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया।
DGCA नियमों के तहत, अगर कैंसलेशन एयरलाइन के नियंत्रण में हो, तो प्रत्येक यात्री को ₹7,500 तक का मुआवजा मिलना चाहिए। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला क्लास एक्शन सूट का रूप ले सकता है, अगर इंडिगो ने सभी प्रभावितों को मुआवजा न दिया।
यात्रियों की नाराजगी: सोशल मीडिया पर उबाल
एक्स (पूर्व ट्विटर) पर यात्रियों की शिकायतों का सिलसिला जारी है। एक यूजर ने लिखा, “मेरा पूरा सफर कैंसल हो गया, रिफंड में देरी हो रही है। DGCA गाइडलाइंस के मुताबिक मुआवजा दो!” एक अन्य ने कहा, “इंडिगो ने ₹14,000 का रिफंड जीरो दिखा दिया, साथ ही मुआवजा भी न दो।” CNBC-TV18 ने एक वीडियो में विश्लेषण किया कि क्या ये कैंसलेशन ‘एयरलाइन-कंट्रोल्ड’ कारणों से हुईं, जिससे इंडिगो को भारी मुआवजा चुकाना पड़ सकता है। कई यूजर्स ने मिनिस्ट्री और DGCA को टैग कर न्याय की गुहार लगाई, जबकि कुछ ने सवाल उठाया कि क्या वाउचर पर्याप्त दर्द कम करेंगे।
इंडिगो ने एक वीडियो मैसेज में CEO पीटर एल्बर्स ने कहा कि कंपनी हर दिन सुधार कर रही है और ऑन-टाइम परफॉर्मेंस इंडस्ट्री स्टैंडर्ड पर लौट आई है। हालांकि, यात्री संगठनों का कहना है कि पारदर्शिता और त्वरित मुआवजा वितरण जरूरी है।
यह घटना भारतीय विमानन क्षेत्र के लिए सबक है, जहां क्रू रिसोर्सिंग और शेड्यूल मैनेजमेंट की कमजोरियां उजागर हुईं। प्रभावित यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे इंडिगो की वेबसाइट या ऐप पर PNR चेक करें और जरूरत पड़ने पर DGCA हेल्पलाइन 1800-11-3353 पर संपर्क करें। क्या यह राहत पैकेज पर्याप्त साबित होगा, या और सख्त कदम उठाने पड़ेंगे? आने वाले दिनों में स्थिति स्पष्ट होगी।

