विदेश नीति में भारत की बड़ी उपलब्धि: भारत को चाबहार बंदरगाह पर अमेरिकी प्रतिबंधों से छह महीने के लिए मिला छूट

India/Chabahar Port News: विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को पुष्टि की है कि चाबहार बंदरगाह (Chabahar Port) के संबंध में भारत को अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों से छह माह की छूट (exemption) दी गयी है। यह भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक जीत मानी जा रही है क्योंकि यह परियोजना देश की रणनीतिक तथा आर्थिक रूप से अहम भूमिका निभाती है।

क्यों है यह छूट मायने रखती
• यह छूट भारत-अमेरिका के बीच चल रही व्यापार व्यवस्था व समझौतों के बीच मिल रही है, और इस प्रकार इसे भारत-अमेरिका संबंधों में एक सकारात्मक संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
• चाबहार बंदरगाह भारत-ईरान-अफगानिस्तान के बीच भू-राजनीतिक व आर्थिक कड़ी के रूप में काम करता है। इसमें भारत को अफगानिस्तान व कंधार-हिरात एवं मध्य एशिया तक पहुँच का अवसर मिलता है।
• इस छूट से भारत को परियोजना को आगे बढ़ाने में व्यावहारिक सहूलियत मिलेगी, जिससे निवेश, श्रम, निर्माण व संचालन की चुनौतियों को बेहतर ढंग से संभाला जा सकेगा।

आगे क्या होगा
भारत सरकार का कहना है कि अमेरिका के साथ व्यापार समझौतों पर बातचीत जारी हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जैसवाल ने कहा:
“हम अमेरिका पक्ष के साथ व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं। दोनों पक्ष संवाद जारी रखे हुए हैं।”
इसका अर्थ है कि इस छूट का इस्तेमाल भारत व्यापार-वित्तीय व राजनीतिक रूप से एक बेहतर पोजिशन हासिल करने के लिए करेगा।

चुनौतियाँ व आगे की राह
• छूट केवल छह माह की है, इसलिए भारत को इस अवधि में तेजी से परियोजना की प्रगति सुनिश्चित करनी होगी।
• ईरान-अमेरिका एवं क्षेत्रीय सुरक्षा-परिस्थितियों का प्रभाव इस परियोजना पर पड़ सकता है, इसलिए भारत को सावधानीपूर्वक रणनीति तैयार करनी होगी।
• भारत को निवेश व लॉजिस्टिक चुनौतियों के बीच संतुलन बनाना होगा ताकि चाबहार बंदरगाह समय पर व कुशलता से कार्य शुरू कर सके।

निष्कर्ष
यह छूट भारत के लिए रणनीतिक मोर्चे पर एक महत्वपूर्ण सफलता है। चाबहार बंदरगाह का विकास न सिर्फ भारत-ईरान संबंधों को बल देगा, बल्कि भारत-मध्य एशिया व अफगानिस्तान तक पहुँच की दिशा में उसकी भूमिका को मजबूत करेगा।

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