India’s Economy News in Hindi: भारत की अर्थव्यवस्था आज दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन रही है। भले ही कुछ आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा हो, लेकिन इसे ष्मरी हुईष् अर्थव्यवस्था कहना सरासर गलत होगा। जैसा कि डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा। इसके बाद एक नई बहस छिड़ गई। रहुल गांधी ने भी अमेरिकी प्रिसिडेंट का समर्थन किया। वास्तव में, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ; जैसे वैश्विक वित्तीय संगठनों ने भी भारत के आर्थिक विकास की सराहना की है। इसके बाद भी देश में रोजगार की क्या स्थिति है इस पर ध्यान रखना चाहिए। आज ये समझने की जरूरत है कि आर्थिक हालात कैसे है। कहा जा रहा है कि ग्रोथ विद आउट डवलेमेंट। भारतीय अर्थव्यवस्था एक मजबूत और गतिशील रास्ते पर आगे बढ़ रही है। इसकी दिशा कुछ प्रमुख बिंदुओं से समझी जा सकती है
- दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर: भारत, फिलहाल दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। अनुमान है कि यह जल्द ही जापान को पीछे छोड़कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी जो देश की बढ़ती आर्थिक शक्ति को दर्शाती है।
- डिजिटल क्रांति: भारत में UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफ़ेस) और जन धन योजना जैसी पहल ने आर्थिक लेन-देन को आसान बनाया है और लाखों लोगों को औपचारिक बैंकिंग प्रणाली से जोड़ा है। डिजिटल अर्थव्यवस्था का यह विस्तार आर्थिक विकास को गति दे रहा है।
- विनिर्माण और इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर: सरकार “मेक इन इंडिया” जैसी योजनाओं के माध्यम से विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा दे रही है। साथ ही, सड़कों, रेलवे और ऊर्जा जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर पर भारी निवेश किया जा रहा है, जिससे भविष्य में आर्थिक गतिविधियों को और बढ़ावा मिलेगा।
- घरेलू मांग: भारत की विशाल आबादी और बढ़ती मध्यम वर्ग की आय, घरेलू मांग को बढ़ावा दे रही है, जो अर्थव्यवस्था को स्थिर रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
- वैश्विक चुनौतियाँ: भारत को अभी भी कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जैसे कि वैश्विक आर्थिक मंदी, कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और बेरोजगारी। इन चुनौतियों के बावजूद, भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है।
2014 के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था: मजबूती या कमजोरी?
2014 के बाद से भारतीय अर्थव्यवस्था में कई महत्वपूर्ण बदलाव आए हैं। अगर हम आंकड़ों और विभिन्न क्षेत्रों के प्रदर्शन को देखें, तो यह साफ है कि अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है।
- GDP ग्रोथ: 2014 में भारत की GDP लगभग 2 ट्रिलियन डॉलर थी। 2024 तक यह बढ़कर 4 ट्रिलियन डॉलर से ज़्यादा हो गई है। यह दर्शाता है कि पिछले एक दशक में अर्थव्यवस्था का आकार दोगुना हो गया है।
- मुद्रास्फीति (Inflation): 2014 से पहले मुद्रास्फीति की दर काफी ऊंची थी। पिछले एक दशक में, इसे काफी हद तक नियंत्रित किया गया है, जिससे आम जनता पर महंगाई का बोझ कम हुआ है।
- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI): 2014 के मुकाबले 2022 में भारत में FDI में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। यह विदेशी निवेशकों के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रति बढ़ते विश्वास को दर्शाता है।
- व्यापार और निर्यात: भारत का निर्यात भी 2014 के बाद से काफी बढ़ा है, जो वैश्विक बाजार में भारतीय उत्पादों की बढ़ती मांग को दिखाता है।
- वित्तीय समावेशन: जन धन योजना जैसी पहल ने लाखों लोगों को बैंकिंग सेवाओं से जोड़ा है, जिससे वित्तीय समावेशन में बहुत सुधार हुआ है।
इन सभी कारकों को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि 2014 के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था ने कई संरचनात्मक सुधारों को लागू किया है, जिससे यह वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए और भी मजबूत हुई है।

