वीडियो, जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर @MeruOnX द्वारा साझा किया गया, एक फास्ट-फूड रेस्तरां (टिम हॉर्टन्स या मैकडॉनल्ड्स के रूप में पहचाना गया) के अंदर रिकॉर्ड किया गया है। इसमें टोरंटो ब्लू जेज जैकेट पहने एक व्यक्ति बिना किसी उकसावे के भारतीय व्यक्ति के पास पहुंचता है। वह पहले अपना फोन गुस्से में फेंक देता है, जिसे भारतीय व्यक्ति शांति से उठाता है। इसके बाद हमलावर उस पर टूट पड़ता है, उसे धक्का देता है, कॉलर पकड़कर दीवार से सटा देता है और चिल्लाता है, “तुमने मुझसे क्या कहा? क्यों एक्टिंग सुपीरियर कर रहे हो?” भारतीय व्यक्ति शांत रहते हुए कहता सुनाई देता है, “तुम खुद को मुसीबत में डाल दोगे।” स्टाफ सदस्य अंत में हस्तक्षेप करता है और दोनों को बाहर जाने को कहता है, जिसके बाद हमलावर को बाहर निकाल दिया जाता है।
सोशल मीडिया पर इस वीडियो को हजारों बार शेयर किया गया है, जहां यूजर्स ने इसे नस्लीय हमला करार देते हुए कनाडा सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की है। एक यूजर ने लिखा, “कनाडा में भारतीयों पर हमले बढ़ रहे हैं, क्या यह वाकई सुरक्षित देश है?” जबकि दूसरे ने कहा, “यह विदेशी घृणा का स्पष्ट उदाहरण है, अप्रवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करो।” वीडियो को एनडीटीवी, हिंदुस्तान टाइम्स, इंडिया टुडे और सीएनबीसी टीवी18 जैसी मीडिया आउटलेट्स ने भी कवर किया है, जो बढ़ती एंटी-इंडियन सेंटिमेंट पर चिंता जताते हुए रिपोर्ट कर रही हैं।
यह घटना एडमॉन्टन में हुई एक अन्य हिंसक घटना के ठीक बाद आई है, जहां 55 वर्षीय भारतीय मूल के व्यापारी अर्वी सिंह सागू को एक अजनबी ने उनकी कार पर पेशाब करने पर विरोध करने पर मुक्का मारा, जिससे उनकी मौत हो गई। 19 अक्टूबर 2025 को रात करीब 2:20 बजे हुई इस घटना में सागू को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन पांच दिनों बाद 24 अक्टूबर को उन्होंने दम तोड़ दिया। आरोपी काइल पैपिन को एडमॉन्टन पुलिस ने गिरफ्तार कर गंभीर हमले के आरोप में जेल भेज दिया गया है।
सागू के दोस्त विंसेंट राम द्वारा शुरू की गई फंडरेजर ने उनके बच्चों और अंतिम संस्कार के खर्च के लिए सहायता इकट्ठा की है। ग्लोबल न्यूज और टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, सागू एक सफल व्यवसायी थे और कनाडा में भारतीय समुदाय का महत्वपूर्ण हिस्सा थे।
इन घटनाओं ने कनाडा में भारतीय अप्रवासियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि आर्थिक तनाव और सोशल मीडिया पर फैल रही नफरत के कारण नस्लीय हमले बढ़ रहे हैं। भारतीय दूतावास ने भी अप्रवासियों से सतर्क रहने की सलाह जारी की है। कनाडा पुलिस ने दोनों मामलों में जांच तेज कर दी है, लेकिन सोशल मीडिया पर बहस जारी है कि क्या ये घटनाएं अलगाववाद की बजाय गहरी नस्लीय पूर्वाग्रहों का परिणाम हैं।
कनाडा में भारतीय समुदाय, जो लाखों की संख्या में है, इन घटनाओं से दहशत में है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 में कनाडा में नस्लीय हिंसा के मामले 20% बढ़े हैं। सरकार ने वादा किया है कि अपराधियों को सजा दी जाएगी, लेकिन अप्रवासी समुदायों को और मजबूत सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।

