दोस्त सऊदी अरब का भारत को मिला साथ, सूडान में फंसे भारतीयों सुरक्षित निकाला
सऊदी अरब ने सूडान में फंसे अपने नागरिकों और राजनयिकों को बाहर निकाला है। सऊदी अरब ने भारत समेत अपने मित्र देशों के नागरिकों को भी बचाया है। इसमें भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश भी शामिल हैं। सूडान के सभी एयरपोर्ट इस समय युद्ध क्षेत्र बन चुके हैं, जिसके कारण लोगों को समुद्री बंदरगाह से निकाला गया।
खार्तूम। सूडान में फंसे भारतीय नागरिकों की मदद के लिए सऊदी अरब आगे आया है। सऊदी ने अपने नागरिकों और राजनयिकों के साथ भारत समेत अन्य देशों के फंसे 150 से ज्यादा लोगों निकाला है। सूडानी सेना ने शनिवार को कहा कि देश के मुख्य हवाई अड्डे सहित राजधानी खार्तूम में संघर्ष जारी रहने के बीच वह अमेरिका, ब्रिटेन, चीन और फ्रांस के राजनयिकों को सैन्य विमानों के जरिये सूडान से बाहर निकालने के प्रयासों का समन्वय कर रहा है। उल्लेखनीय है कि इस अफ्रीकी देश में खूनी संघर्ष दूसरे हफ्ते भी जारी है। सूडानी थलसेना ने कहा कि उसके प्रमुख जनरल अब्दुल फतह बुरहान ने विभिन्न देशों के नेताओं से बात की, जिन्होंने अपने नागरिकों एवं राजनयिकों की सुरक्षित निकासी का अनुरोध किया।
देश के ज्यादातर हवाई हड्डे रणक्षेत्र में तब्दील हो गए हैं और राजधानी खार्तूम के बाहर गतिविधियां खतरनाक साबित हुई हैं। सेना ने कहा, बुरहान विभिन्न देशों के लिए इस तरह की सुरक्षित निकासी में आवश्यक मदद करने को सहमत हुए हैं। सूडान का मुख्य अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बंद हो जाने और लाखों लोगों के घरों के अंदर ही रहने के बीच ये सवाल उठ रहे हैं कि विदेशी नागरिकों की बड़े पैमाने पर निकासी कैसे की जाएगी। खार्तूम और इसके आसपास के इलाकों में सूडानी सेना और एक शक्तिशाली अर्द्धसैनिक समूह के बीच झड़पें होने के कारण विभिन्न देशों को अपने नागरिकों को स्वदेश ले जाने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है, क्योंकि निकासी का काम बहुत जोखिम भरा हो गया है।
बंदरगाह से निकाले गए सऊदी के राजनयिक
राजधानी खार्तूम के बीचोंबीच स्थित मुख्य हवाई अड्डा बंद है, ऐसे में विभिन्न देशों ने अपने-अपने नागरिकों को तब तक सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने को कहा है, जब तक कि वे उनकी निकासी की योजनाएं तैयार नहीं कर लेते हैं। रैपिड सपोर्ट फोर्सेज नाम के अर्द्धसैनिक समूह ने हवाई अड्डा पर कब्जा करने की कोशिश के तहत भारी गोलाबारी की। बुरहान ने कहा कि सऊदी अरब के राजनयिकों को लाल सागर में स्थित सूडान के मुख्य बंदरगाह पोर्ट सूडान से निकाला जा चुका है और उन्हें स्वदेश भेज दिया गया है।
#Statement | In the implementation of the directives of the Kingdom’s Leadership, we are pleased to announce the safe arrival of the evacuated citizens of the Kingdom from Sudan and several nationals of brotherly & friendly countries, including diplomats & international officials pic.twitter.com/Eg0YemshYD
— Foreign Ministry 🇸🇦 (@KSAmofaEN) April 22, 2023
इन देशों के लोगों को सऊदी ने निकाला
इस बीच, सउदी अरब के विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि उसने सूडान से सऊदी नागरिकों को निकालने का इंतजाम शुरू कर दिया है। उसने बताया कि इन नागरिकों को नौसेना की मदद से सुरक्षित निकाल लिया गया है, जिसमें कई अन्य मित्र देशों के 66 से ज्यादा राजनयिक और नागरिक भी शामिल हैं। जिन देशों के लोगों को सऊदी ने निकाला है उसमें कुवैत, कतर, यूएई, मिस्र, ट्यूनीशिया, पाकिस्तान, भारत, बुल्गारिया, बांग्लादेश, फिलीपींस, कनाडा और बुर्कीना फासो शामिल है। भारत के विदेश मंत्री लगातार लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए सऊदी और सूडान के संपर्क में थे।
16,000 अमेरिकी नागरिक फंसे
इस हफ्ते की शुरूआत में अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने कहा था कि वह सूडान से अमेरिकी दूतावास के कर्मियों की संभावित निकासी की तैयारियों के लिए अदन की खाड़ी में स्थित छोटे से देश जिबूती में एक नौसेना अड्डे पर अतिरिक्त सैनिक और उपकरण भेज रहा है। शुक्रवार को व्हाइट हाउस ने कहा कि सूडान में 16,000 अमेरिकी नागरिकों के फंसे होने की आशंका है। हालांकि, समन्वित निकासी के लिए उसकी कोई योजना नहीं है और अमेरिकी नागरिकों से सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने को कहा गया है। बुरहान ने सउदी टीवी स्टेशन अल हदाथ पर शनिवार को कहा कि संघर्ष के कारण खार्तूम के हवाई अड्डा से कोई निकासी कार्य नहीं किया जाएगा।
सेना ने सभी हवाई अड्डों पर किया नियंत्रण
उन्होंने दावा किया कि सेना ने दक्षिण-पूर्वी शहर नयाला स्थित हवाई अड्डा को छोड़कर देश के अन्य सभी हवाई अड्डों पर फिर से अपना नियंत्रण हासिल कर लिया है। उन्होंने कहा, हम विदेशी नागरिकों के बारे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता साझा करते हैं। रहने की स्थिति बदतर होती जा रही है। प्रतिद्वंद्वी पक्षों ने शुक्रवार को कहा था कि वे ईद-उल-फितर के अवसर पर तीन दिनों के अवकाश के दौरान संघर्ष विराम के लिए सहमत हुए हैं। इस हफ्ते की शुरुआत में संघर्ष विराम की दो कोशिशें नाकाम हो गई थीं। सूडानी डॉक्टर्स सिंडिकेट के सचिव अतिय अब्दल्ला अतीय ने कहा, लोगों को यह महसूस करने की जरूरत है कि युद्ध पहले दिन से जारी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ के अनुसार सूडान में घातक झड़पों में अब तक 400 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।