नोएडा। इनकम टैक्स विभाग की नोएडा यूनिट ने रियल एस्टेट से जुड़े काउंटी बिल्डर ग्रुप पर छापे मारी की है। इसके बाद इस बिल्डर से यहां फ्लैट खरीदने वालों की सांसे अटक रही है। इसका सबसे बड़ा कारण है कैश में लेन देन। हो सकता है कि टीम को उन लोगों के नाम भी मिले जिन्होंने बिल्डर को कैश में लेन देने किया है वो भी भारी मात्रा में।
26 ठिकानों पर हुई रेड
बिल्डर के 26 ठिकानों पर टीमों ने रेड की। कोलकाता, गुड़गांव के दो-दो, गाजियाबाद के पांच, दिल्ली के चार, नोएडा के 12 ठिकानों पर कार्रवाई की गई। टीमें बिल्डर ग्रुप से जुड़े प्रॉपर्टी एजेंटों तक भी पहुंचीं। सूत्रों के अनुसार आज सुबह तक जारी रही कार्रवाई में आयकर विभाग ने किसी तरह की बरामदगी की सूचना आधिकारिक तौर पर नहीं दी है। लेकिन बड़ी तादाद में दस्तावेज, लैपटॉप व कम्प्यूटर विभाग ने कब्जे में लिए हैं।
अलग-अलग शहरों में चल रहे है प्रोजेक्ट
बता दें कि काउंटी ग्रुप मौजूदा समय में कई ग्रुप हाउसिंग परियोजनाओं का निर्माण अलग-अलग शहरों में कर रहा है। ग्रुप की प्रोजेक्ट्स में फ्लैट उच्च आय वर्ग व बिजनेसमैन की आय की पहुंच में होते हैं। ज्यादातर फ्लैट की कीमत 3 करोड़ से शुरू होती है।
नोएडा के इन सेक्टरों में बना रहा बिल्डर प्रोजेक्ट
नोएडा में इस समय सेक्टर-120 में आईवी काउंटी और सेक्टर-107 में काउंटी-107 परियोजनाएं चल रही हैं। पिछले दिनों नोएडा प्राधिकरण की ग्रुप हाउसिंग प्लॉट की नीलामी में भी यह ग्रुप शामिल हुआ था। आयकर विभाग को इनपुट मिले थे कि करोड़ों रुपये की कीमत वाले ग्रुप के फ्लैट का बड़ा हिस्सा कैश में लेकर बेचा जा रहा है। इसको देखते हुए विभाग ने छापा मारा।
संपत्तियां कैश में बिकवाने में एजेंट पर नजर
दरअसल, बिल्डरों की प्रोपर्टी को कैश में बिकवाने में और कर चोरी के खेल में अहम किरदार एजेंटों का रह रहा है। यह एजेंट खरीदारों को आयकर चोरी के लिहाज से अलग-अलग परियोजनाओं में कैश में संपत्ति दिलवाने की डील करते हैं। कई ऐसी कंपनियां भी बनी हुई हैं जो एजेंट का काम करती हैं। कैश में संपत्ति लेने वालों पर यह कहा जाता है कि काली कमाई के जरिए संपत्ति बनाई गई है। इसमें खरीदार व बेचने वाला बिल्डर कर चोरी करते हैं।