Shravasti : लगातार चार दिनों से हो रही बारिश ने रिकार्ड तोड़ दिये है। श्रावस्ती जिले में राप्ती नदी ( Rapti River) उफान पर है। अब तक तीन लोगो की डूबने के कारण मौत हो चुकी है जबकि दो लोग लापता बताएं जा रहे है। प्रशासन के अनुसार अब तक 150 गांव डूब चुके है। राहत कार्य किया जा रहा है।
राप्ती का जलस्तर फिर बढ़ कर 150 मीटर पहुंच गया। इसके चलते जिन गांवों व मार्गों से बाढ़ का पानी कम हो रहा था। वहां एक बार पुनरू बाढ़ का पानी बढ़ने लगा है। इतना ही नहीं मनिकापुर के मजरा रमनगरा में राप्ती की लहरें गांव में तेजी से कटान कर रही है। ऐसे में ग्रामीण अपने घरों को छोड़ कर मार्ग किनारे डेरा जमाए हुए हैं।
इससे पहले बीते 24 घंटे से राप्ती नदी अपने उच्चतम जलस्तर 129.00 मीटर पर बह रही थी। यह खतरे के निशान से 130 सेंटीमीटर ऊपर था। राप्ती की धारा भी शुक्रवार को बदलती हुई देखी गई। पानी का दबाव मूल नदी के साथ-साथ लक्ष्मननगर की ओर है। जिसके चलते फोरलेन में दरार देखी जा रही है। कई स्थानों पर पानी फोरेलेन के ऊपर तक आ गया है तो कई स्थानों पर आवागमन बाधित है। एनडीआरएफ व फ्लड पीएसी बाढ़ पीड़ितों तक मदद पहुंचाने की कोशिश कर रही है। जबकि अधिकारी आपदा को नियंत्रित करने में लगे है।
नदी का रुख मौजूदा समय में लक्ष्मननगर की ओर है। पानी के दबाव के कारण लक्ष्मननगर के पहले फोरलेन पर बना पुल का अप्रोच दरक गया है। आशंका यह भी जताई जा रही है कि 2014 में इसी स्थान पर राप्ती नदी ने अपना रास्ता बनाते हुए यहां के पुल को क्षतिग्रस्त कर दिया था। नदी फिर से इसी स्थान पर दबाव बना रही है। यदि दबाव और बढ़ा तो नदी का यह नया रास्ता होगा।
फोरलेन सड़क पर आया पानी
नदी का जलस्तर विगत 24 घंटे में खतरे के निशान से 150 सेंटीमीटर तक पहुचा है। जिसके कारण तिलकपुर व रतनापुर के पास बाढ़ का पानी फोरलेन के ऊपर से बहने लगा है। इन्हीं स्थानों पर पटरी भी कट रही है। आने-जाने वालों को प्रशासन ने सावधान किया है कि वह पटरी के निकट वाहन न चलाएं।