Modi-Jinping : तियानजिन (चीन): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रविवार को तियानजिन में मुलाकात की। यह करीब 10 महीनों में दोनों नेताओं की पहली द्विपक्षीय बैठक थी। बैठक लगभग 50 से 55 मिनट तक चली।
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इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत-चीन संबंधों को बेहतर बनाने के मकसद से व्यापक चर्चा की। यह मुलाकात अमेरिका की व्यापार और शुल्क नीतियों के कारण भारत-अमेरिका संबंधों में आई अचानक गिरावट के मद्देनजर भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
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दो दिवसीय एससीओ शिखर सम्मेलन से अलग हुई बैठक
पीएम मोदी और शी जिनपिंग ने दो दिवसीय शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन से इतर मुलाकात की। चर्चा के लिए मुद्दों की व्यापकता को देखते हुए आधिकारिक सूत्रों ने संकेत दिया है कि दोनों नेता दिन में बाद में फिर से मिल सकते हैं।
दोनों नेताओं की पिछली मुलाकात अक्टूबर 2024 में रूस के कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी।
पीएम मोदी का बयान: स्थिर और सौहार्दपूर्ण संबंध जरूरी
तियानजिन यात्रा से पहले पीएम मोदी ने कहा कि विश्व की आर्थिक व्यवस्था में स्थिरता लाने के लिए भारत और चीन का मिलकर काम करना आवश्यक है। उन्होंने जापान के योमिउरी शिंबुन को दिए साक्षात्कार में कहा कि भारत और चीन के बीच स्थिर, पूर्वानुमानित और सौहार्दपूर्ण द्विपक्षीय संबंध क्षेत्रीय और वैश्विक शांति एवं समृद्धि पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
पीएम मोदी की यह यात्रा चीनी विदेश मंत्री वांग यी की भारत यात्रा के एक पखवाड़े से भी कम समय बाद हुई है।
सुधर रहे भारत-चीन संबंध
विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ वांग यी की व्यापक वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने स्थिर, सहयोगात्मक और दूरदर्शी संबंधों के लिए कई उपायों की घोषणा की थी। इन सुधारों में शामिल हैं:
सीमा पर शांति बनाए रखना
सीमा व्यापार को फिर से खोलना
जल्द से जल्द सीधी उड़ान सेवाओं को पुनः शुरू करना
पिछले कुछ महीनों में दोनों पक्षों ने अपने संबंधों को पुनः स्थापित करने के लिए कई उपाय शुरू किए हैं, जो जून 2020 में गलवां घाटी की घातक झड़पों के बाद तनावपूर्ण हो गए थे।
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