यमुना प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में किसानों-आवंटियों के हक में लिए अहम फैसले, इन मामलों पर भी मुहर…

यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण यानी यीडा के चेयरमैन अनिल सागर की अध्यक्षता में हुई 79वीं बोर्ड बैठक में रखे गए किसानों और आंवटियों के मुद्दों को सुलझााने के लिए मुहर लगाई गई है। कई प्रस्तावों पास हुए। बोर्ड बैठक में नोएडा ,ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अलावा जिला प्रशासन के अफसर भी शामिल हुए।

आवंटियों के लिए हुआ फैसला
यमुना प्राधिकरण के अलग-अलग योजनाओं के करीब 62 हजार आवंटियों को समय विस्तार और जीरो पीरियड का लाभ मिलेगा। बोर्ड बैठक में आवासीय, औद्योगिक और संस्थागत योजनाओं में चेक लिस्ट जारी होने के बाद भी निर्माण नहीं कराने वाले 42 हजार आवंटियों को 6 माह के एक्सटेशन का लाभ दिया गया है। साथ ही आवासीय भूखंडों के करीब 20 हजार आवंटियों को भी जीरो पीरियड का लाभ प्रदान किया गया है। उधर, आबादी भूखंड के निर्माण पर समय सीमा के अंदर किसानों को विकास शुल्क पर जुर्माना नहीं देना होगा। इससे करीब 7000 किसानों को लाभ मिलेगा।

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यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि बोर्ड ने आवासीय, औद्योगिक एवं संस्थागत योजनाओं के उन आवंटियों को 30 जून 2024 तक निरूशुल्क समय विस्तार प्रदान करने का निर्णय गया है, जिनकी चेक लिस्ट 31 दिसंबर 2023 तक भेजी जा चुकी है। इससे लगभग 42 हजार आवंटियों को फायदा होगा। उधर, ग्रुप हाउसिंग, टाउनशिप, औद्योगिक भूखंडों और संस्थागत परियोजनाओं के लिए लागू किए गए जीरो पीरियड की सुविधा लाभ अब आवासीय भूखंडों के आवंटियों को भी मिलेगा। इसके अलावा 7 के बजाय 10 फीसदी आबादी भूखंड का लाभ दिए जाने के लिए शासन को प्रस्ताव भेज दिया गया है।

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बता दें कि जमीन अधिग्रहण से प्रस्तावित किसानों को मुआवजे के साथ 7 फीसदी आबादी भूखंड का लाभ दिया जाता है। आबादी भूखंड वाले सेक्टरों में प्राधिकरण की ओर से सड़क, सीवर, नाली, बिजली आदि विकास कार्य कराए जाते हैं। इसके लिए रजिस्ट्री के समय किसान को विकास शुल्क जमा करना होता है। निर्धारित समयावधि में भूखंड पर निर्माण कार्य नहीं करने पर विकास शुल्क पर ब्याज लगाया जाता है। लेकिन अब मूल धनराशि पर लगने वाले ब्याज में शत प्रतिशत छूट दिए जाने का निर्णय लिया गया है। प्राधिकरण बोर्ड की इस पर मुहर लग गई है। इससे छह हजार से अधिक किसानों को लाभ मिलेगा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के किसानों को इसका लाभ पहले ही मिल चुका है।
यमुना प्राधिकरण की स्थापना से पहले किसानों को पुश्तैनी का लाभ नहीं दिया गया। अब 23 साल बाद ऐसे 800 लोगों को पुश्तैनी किसानों की तरह सात फीसदी भूखंड और मुआवजा की अंतर धनराशि मिल सकेगी। पुश्तैनी किसानों को मुआवजा भी अधिक दिया जाता है और उनको सात फीसदी जमीन भी दी जाती है।

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