NOIDA: प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में बायर्स के साथ साथ भाई बहनों के लिए अहम फैसले

नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक सेक्टर-6 में स्थित नोएडा प्राधिकरण के सभागार में सयुक्त रूप से आयोजित हुई। इसकी अध्यक्षता नोएडा-ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण के चेयरमैन अरविंद कुमार ने की। इस बैठक में भाई-बहन, भाई-भाई और बहन-बहन के बीच प्रोपर्टी हस्तांतरण शुल्क जीरो कर दिया है। वहीं ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने फ्लैट खरीदारों को उनका आशियाना दिलाने के अहम कदम उठाएं है। लंबे समय से इंतजार कर रहे खरीदारों को पजेशन दिलाने के मकसद से रि-शेड्यूलमेंट पॉलिसी को लागू करने पर मंजूरी दे दी है। रि-शेड्यूलमेंट पॉलिसी 1 जनवरी से 31 मार्च 2023 तक सिर्फ बिल्डर व वाणिज्यिक परियोजनाओं (ग्रुप हाउसिंग एवं स्पोर्ट्स सिटी) पर ही लागू होगी। इसका फायदा उन बिल्डरों को मिलेगा, जिन्होंने आॅक्यूपेंसी या कंपलीशन सर्टिफिकेट के लिए आवेदन किया है।
नोएडा-ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण के चेयरमैन अरविंद कुमार की अध्यक्षता में नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी, यीडा के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह व उत्तर प्रदेश वित्त निगम के प्रबंध निदेशक डॉ. राज शेखर की मौजूदगी में कई अहम फैसले हुए। खासकर फ्लैट खरीदारों को उनका हक दिलाने के लिए बोर्ड ने कई प्रस्तावों पर मुहर लगा दी है।


दरअसल, कोविड और रियल एस्टेट में मंदी के चलते बड़ी संख्या में बिल्डर परियोजनाएं लंबित हैं, जिससे घर खरीदारों को घर नहीं मिल पा रहा और प्राधिकरण को बकाया भुगतान नहीं मिल रहा। इस वजह से खरीदारों के नाम संपत्ति की रजिस्ट्री नहीं हो पा रही। घर खरीदारों की समस्या का हल निकालने और री-शेड्यूलमेंट पॉलिसी को तय करने के लिए प्राधिकरण की तरफ से समिति बनाई गई। समिति की रिपोर्ट के आधार पर री-शेड्यूलमेंट का प्रस्ताव बनाकर बोर्ड के समक्ष रखा गया।इसके अनुसार बकाया धनराशि का री-शेड्यूलमेंट सिर्फ दो वर्षों के लिए होगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार हर छह माह पर ब्याज दर रिवाइज की जाएगी।
आवंटी पर बकाया सभी तरह की धनराशि (मूल किस्त, अतिरिक्त प्रतिकर व लीज रेंट) को जोड़ते हुए कुल बकाया धनराशि पर ही री-शेड्यूलमेंट लागू होगा। रीशेड्यूलमेंट का पत्र जारी होने के एक माह के भीतर कुल बकाया धनराशि का 20 फीसदी जमा करना होगा। रीशेड्यूलमेंट के बाद भी अगर आवंटी की दो किस्तें डिफॉल्ट होती हैं तो प्राधिकरण आवंटन को बिना सूचना दिए निरस्त कर देगा।
बैठक में ग्रेनो प्राधिकरण की एसीईओ अदिति सिंह, प्रेरणा शर्मा, अमनदीप डुली व आनंद वर्धन, ओएसडी सौम्य श्रीवास्तव संतोष कुमार, जीएम वित्त विनोद कुमार व आरके देव सहित तमाम वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद रहे।
एफएआर परचेज करने पर संशोधित मैप पर दो तिहाई बायर्स की सहमति जरूरी
फ्लैट खरीदारों के हितों की रक्षा करने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने एक अहम फैसला लिया है। अब अगर बिल्डर अनुमन्य एफएआर (फ्लोर एरिया रेष्यो) परचेज करता है तो उसे संशोधित मैप पर प्राधिकरण से स्वीकृति तब मिलेगी, जब वह दो तिहाई फ्लैट खरीदारों की सहमति पत्र प्राधिकरण में जमा करेगा। अपार्टमेंट एक्ट 2010 में भी यह प्रावधान किया गया है। अगर प्रोजेक्ट इस एक्ट के लागू होने से पहले का है तो भी बिल्डर को दो तिहाई खरीदारों की सहमति देनी होगी। यही नहीं, बिल्डरों को फ्लैट खरीदारों की सूची भी प्राधिकरण को उपलब्ध करानी होगी। प्राधिकरण बोर्ड की मंशा है कि एफएआर परचेज करने के बाद बिल्डर मनमानी तरीके से उसे लागू न कर सके, इसके लिए खरीदारों से सहमति पत्र लेना जरूरी है।
री-शेड्यूलमेंट पॉलिसी में क्या मिलेगा
1. मंगलवार को लागू की गई री-शेड्यूलमेंट पॉलिसी के अनुसार बकाया धनराशि का री-शेड्यूलमेंट सिर्फ दो वर्षों के लिए होगा।
2. सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार हर छह माह पर ब्याज दर रिवाइज की जाएगी।
3. आवंटी पर बकाया सभी तरह की धनराशि (मूल किस्त, अतिरिक्त प्रतिकर व लीज रेंट) को जोड़ते हुए कुल बकाया धनराशि पर ही री-शेड्यूलमेंट लागू होगा।
4. री-शेड्यूलमेंट का पत्र जारी होने के एक माह के भीतर कुल बकाया धनराशि का 20 फीसदी जमा करना होगा।
5. री-शेड्यूलमेंट के बाद भी अगर आवंटी की दो किस्तें डिफॉल्ट होती हैं तो प्राधिकरण आवंटन को बिना सूचना दिए निरस्त कर देगा।

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