firecracker factory : पुलिस-प्रशासन की सख्ती के बाद भी लोनी कोतवाली क्षेत्र में बिना किसी डर के फैक्ट्री में पटाखा बनाने का कारोबार चल रहा था। डेढ़ माह बाद दिवाली है और दिवाली को लेकर लोनी कोतवाली क्षेत्र की कॉलोनी के बीचों बीच अवैध पटाखे तैयार हो रहे थे। पुलिस-प्रसासन की इसे लचर व्यवस्था कहें या फिर मेहरबानी। जिस कारण इतना बड़ा हादसा हो गया। लोनी कोतवाली क्षेत्र के रुपनगर इंडस्ट्रियल एरिया के पास शनिवार को एक पटाखा फैक्टरी में जोरदार धमाका हुआ और दो मंजिला मकान जमींदोज हो गया। इस दौरान घर में काम कर रहे लोग मालवे में दब गए। जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई। जबकि पांच मलबे से निकालकर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
firecracker factory :
हादसे में पांच लोगों गंभीर रूप से जख्मी
रूपनगर कॉलोनी स्थित पटाखा बनाने की फैक्टरी में मेबिश (40) पत्नी फिरोज, मेबिश के दो बेटे इमरान (16) और फरदीन (18) काम करते थे। शाहिस्ता (35) पति शकील अपनी दो बेटियां अलीना (8) और अलीशा (9), गीता (27) पत्नी सोनू और नूरी (17) पुत्री फरमान इस पटाखे बनाने की फैक्टरी में काम करते हैं। घटना के बाद महिला बच्चे समेत आठ लोग इस फैक्टरी में कम कर रहे थे। दिल्ली में रहने वाले किसी अज्ञात व्यक्ति की यह फैक्टरी है। दिल्ली में रहने वाले व्यक्ति से रूपनगर कॉलोनी स्थित दो मंजिला मकान को इमरान ने किराए पर लिया था। फैक्टरी में धमाका हुआ तो सभी आठ लोग मलबे में दबकर घायल हो गए थे। एक के बाद एक सभी को रेस्क्यू कर बाहर निकल गया। सभी घायलों को दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में भर्ती कराया।
डॉक्टर ने इमरान, अलीना और अलीशा को मृत घोषित कर दिया है। इमरान के परिजन पोस्टमार्टम नहीं करना चाहते थे। वह जबरन अस्पताल से इमरान के शव को घर ले आए थे। लेकिन पुलिस ने परिजनों को समझाया और शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
Loni Illegal Firecracker Factory :
क्या कहते हैं डीसीपी ग्रामीण
डीसीपी ग्रामीण विवेक चन्द्र यादव ने बताया कि धमाके के साथ भरभरा कर गिरे मकान की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और मलबे में दबे लोगों को बाहर निकाल कर उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया है। कुछ लोगों का उपचार दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में चल रहा है, जबकि हादसे में तीन की मौत हो गई।
उन्होंने बताया कि मलवे से पटाखे और उसमें बारूद जैसी वस्तु मिली हैं। इस दौरान मलबे से अभी तक सिलेंडर नहीं मिला है। कागज के बड़े पटाखे के खोल मलबे से पुलिस को मिले हैं। पुलिस का कहना है कि इसकी जांच के बाद ही पता चल पाएगा की यह कवर किस काम में लाए जा रहे थे।
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