नोएडा में अवैध निर्माण बेलगाम: प्राधिकरण की ढील से भूमाफियाओं-बिल्डरों के हौसले बुलंद, लोगों में बढ़ी नाराज़गी

Noida News: नोएडा में अवैध निर्माण का मुद्दा एक बार फिर गहराता जा रहा है। शहर के कई सेक्टरों एवं गांवों में बिना स्वीकृति के इमारतों का निर्माण, मंज़िलों की बढ़ोतरी, सरकारी ज़मीन पर कब्ज़ा और नक्शे के विपरीत विकास लगातार बढ़ रहा है। हैरानी की बात यह है कि इन मामलों में नोएडा प्राधिकरण की कार्रवाई बेहद धीमी और अक्सर औपचारिक दिखाई दे रही है, जिससे स्थानीय निवासियों में गहरा रोष है। प्राधिकरण कई बार नोटिस भी दे चुका है। गांव बरोला, हाजीपुर, सलारपुर,भंगेल, सुलतानपुर, सोरखा,आदि में अवैध रूप से फ्लैट बनाए जा रहे है।

अवैध निर्माण तेज़ी से बढ़े 
नोएडा के सेक्टर 63, 66, 70, 75, 81, 110, 104, 112 और पुराने गांव—खासकर बरोला, सोरखा, छिजारसी, गढ़ी चौखंडी—में तेजी से अवैध निर्माण बढ़ रहा है।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि शिकायतें करने पर भी प्राधिकरण केवल नोटिस भेजकर फाइल क्लोज कर देता है:

बिना नक्शा पास कराए घरों की तीसरी–चौथी मंज़िल बनाई जा रही है
फ्लैट्स को कमर्शियल स्पेस में बदला जा रहा है
गांवों में प्लॉट काटकर रजिस्ट्री के बिना बेच दिया जाता है
निर्माण कार्य रात में कराया जाता है ताकि प्राधिकरण की टीम पकड़ न सके
निवासियों का कहना है कि प्राधिकरण की मॉनिटरिंग इतनी कमजोर है कि अवैध बिल्डर आराम से निर्माण पूरा कर लेते हैं और कार्रवाई सिर्फ दिखावटी रहती है।
स्थानीय लोगों का आरोप — “प्राधिकरण की मिलीभगत के बिना संभव नहीं”
शिकायतों में यह बात लगातार सामने आ रही है कि अवैध निर्माण पर आंखें बंद कर ली जाती हैं। कई लोगों ने कहा कि यदि प्राधिकरण की टीम ईमानदारी से सर्वे करे तो आधे निर्माण प्रारंभ होने के पहले ही रोके जा सकते हैं।
निवासियों की प्रतिक्रियाएँ

नोएडा में बढ़ते अवैध निर्माणों का सीधा असर शहर की प्लानिंग और सुरक्षा पर पड़ रहा है
1. भूकंप और संरचनात्मक सुरक्षा
बिना नक्शा पास किए बनाई गई अतिरिक्त मंज़िलें इमारत को कमजोर करती हैं। NCR भूकंप-संवेदी क्षेत्र है, इसलिए यह बेहद खतरनाक है।
2. फायर NOC की अनदेखी
अवैध कमर्शियल गतिविधियाँ और ऊँची मंज़िलें बिना फायर सेफ्टी के चल रही हैं।
3. सीवरेज और बिजली पर दबाव
बढ़ती आबादी से सीवर लाइन ओवरफ्लो और ट्रांसफॉर्मर लोड बढ़ रहा है।
4. ट्रैफिक जाम और पार्किंग संकट
गैरकानूनी दुकानों और शो-रूम की वजह से सड़कें संकरी हो गई हैं।
प्राधिकरण की कार्रवाई — केवल नोटिस, कुछ सीलिंग और सीमित गिरावट
प्राधिकरण समय-समय पर अवैध निर्माणों पर कार्रवाई का दावा करता रहा है, लेकिन जमीन पर तस्वीर अलग दिखाई देती है।
सीलिंग की कार्रवाई अक्सर कुछ दिनों की होती है
कई जगहों पर सील तोड़कर फिर निर्माण शुरू हो जाता है
गिराए गए ढाँचों का सिर्फ हिस्सा हटाया जाता है, पूरा नहीं
कई निवासियों का आरोप है कि प्राधिकरण की टीम मौके पर देर से पहुँचती है, जिससे अवैध बिल्डर निर्माण पूरा कर लेते हैं।
 क्या कहता है कानून?
Uttar Pradesh Urban Planning & Development Act के अनुसार:
बिना नक्शा पास कराए कोई भी निर्माण अवैध है
प्राधिकरण को निर्माण रोकने, सील करने और ध्वस्तीकरण का अधिकार है
दोहराने पर FIR दर्ज की जा सकती है
लेकिन मौके पर यह प्रावधान कागजों तक ही सीमित दिखाई दे रहा है।
लोगों की मांग — “अवैध निर्माण पर Zero Tolerance नीति लागू हो”
निवासी सोशल मीडिया, RWA और सामुदायिक बैठकों में लगातार यह माँग कर रहे हैं कि:
प्राधिकरण की जाँच टीम को कठोर बनाया जाए
गांवों में हो रहे प्लॉटिंग माफिया पर सख्त कार्रवाई हो
रात के समय होने वाले निर्माण रोके जाएँ
सीलिंग तोड़ने पर सीधे FIR दर्ज हो
हर सेक्टर में साप्ताहिक निरीक्षण अनिवार्य किया जाए

 

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