Delhi to Ghazipur Dairy: गाजीपुर डेयरी फॉर्म से डेयरी हटाने के लिए सरकार की ओर से जो ऐलान किया गया है उसका विरोध किया जा रहा है। आज गाजीपुर डेयरी फार्म फारमर्स ऐसोसिएशन का साथ देने की किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन मंच ने घोषण कर दी। किसान संगठन ने कहा कि दिल्ली और केन्द्र सरकार मिलकर किसानों को उजाड़ना चाहती है। जिस वक्त गाजीपुर में डेयरी बनी थी उस दौरान यहां खत्ता नही बल्कि तालाब था। किसानों ने कहा कि जो जज साहब इसको लेकर फैसला दे रहे है वे खुद और उनका परिवार खाल से बने उपकरण का इस्तेमाल करते है। दूध के लिए यहा भैस पाली जा रही है और उनके रख रखाव के साथ गोबर व अन्य अपशिष्ट का निस्तारण भी किया जाता है। किसान यूनियन मंच के मीडिया प्रभारी अशोक चैहान ने कहा कि यदि डेयरी बंद होगी तो कई व्यापार पर सीधे असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि डेयरी हटी तो अपनी भैसों को दिल्ली बार्डर पर लेकर बैठेगे।
वहीं गाजीपुर डेयरी फार्म फारमर्स ऐसोसिएशन के उपाध्यक्ष हाजी हफीज मलिक ने कहा कि सालों से हम लोग डेयरी चला रहे है। इसके लिए एमसीडी से लाइसेंस भी मांगा गया लेकिन सरकारी तंत्र हमेशा उलझाता रहा। हाईकोर्ट ने कहा की गोबर का निस्तारण एमसीडी करे लेकिन इस आदेश को लेकर एमसीडी जरा भी गंभीर नही है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, दिल्ली हाई कोर्ट ने गाजीपुर में डेयरी चलाने वाले कुछ किसानों की ओर से उठाई गई मांग पर नाराजगी जताई। उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में डेयरियों की बदहाली से जुड़े मामले को पक्षकार के तौर पर सुने जाने की मांग कर रहे थे। इस दौरान कोर्ट ने कहा था कि हम शहर में दहशत नहीं फैलाना चाहते पर, पर इन नामित डेयरी कॉलोनियों में हालत बहुत खराब है। कोर्ट ने आवेदनकर्ता से कहा कि वह हमारे सवालों का जवाब लेकर और कोर्ट में मौजूद रिकॉर्ड देखने के बाद कोर्ट में आए।
कोर्ट ने पूछे थे ये सवाल
एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत पीएस अरोड़ा की बेंच ने आवेदन करने वाले के वकील से सवाल उठाया कि क्या ये लोग किसी दूसरी दुनिया में रहते हैं? क्या उन्हें इन इलाकों की बदहाली नजर नहीं आती? वकील ने कहा कि आवेदनकर्ता का कहना है कि संबंधित मामले में डेयरी चलाने वाले किसानों का पक्ष भी सुना जाना चाहिए। इस पर कोर्ट ने बोला कि हमने इस मामले में अब तक जो भी आदेश जारी किए, वो कोई कल्पना पर आधारित नहीं है। हमने एक बार नहीं, दो बार अपने वकीलों को वहां भेजकर जांच कराई है। वहां की तस्वीरें उन इलाकों की दयनीय स्थिति को बयां करती हैं। दिल्ली हाई कोर्ट ने हाल ही में आदेश पारित कर लैंडफिल साइट के पास बसी डेयरी कॉलोनियों-गाजीपुर और भलस्वा को दूसरी जगह पर शिफ्ट करने के आदेश पर अमल का दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है।