Rajasthan News: राजस्थान सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार (आईटीसी) विभाग की सचिव आईएएस अर्चना सिंह को ‘प्रशासनिक कारणों’ का हवाला देकर उनके पद से हटा दिया है। यह कार्रवाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 25 सितंबर को बांसवाड़ा जिले के नपला गांव में आयोजित रैली के दौरान हुई तकनीकी खराबी से जुड़ी बताई जा रही है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही अफवाहों में दावा किया गया था कि सिंह ने खुद तार काटी या माइक में पानी डाला, लेकिन आधिकारिक स्रोतों या समाचार रिपोर्टों में ऐसी कोई पुष्टि नहीं मिली है। घटना केवल एक तकनीकी गड़बड़ी के रूप में सामने आई है, जिसके चलते वीडियो स्क्रीन करीब 10 मिनट तक बंद रही।
रैली के दौरान प्रधानमंत्री मोदी जब मंच पर पहुंचे, तो ऑडियो सिस्टम तो सुचारू रूप से चला, लेकिन वीडियो स्क्रीन अचानक ब्लैंक हो गईं। लाइव फीड करीब 10 मिनट तक बाधित रही, जबकि पीएम का भाषण जारी रहा। इसके अलावा, किसानों से इंटरैक्शन के समय भी ऑडियो-वीडियो व्यवस्था में रुकावटें आईं। यह रैली नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं की आधारशिला रखने के कार्यक्रम का हिस्सा थी, जिसमें 1.22 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन शामिल था, जैसे महि बांसवाड़ा राजस्थान परमाणु ऊर्जा परियोजना।
अर्चना सिंह, जो 2004 बैच की आईएएस अधिकारी हैं, आईटीसी विभाग की प्रमुख के रूप में इस कार्यक्रम की तकनीकी व्यवस्था की जिम्मेदारी संभाल रही थीं। विभागीय आदेश के अनुसार, उन्हें तत्काल पदमुक्त कर दिया गया और ‘अनुपस्थिति पर प्रतीक्षा आदेश’ (एपीओ) स्थिति में रखा गया, यानी बिना नए पद के राहत दी गई। सरकारी सूत्रों के अनुसार, जयपुर और दिल्ली स्तर पर इस खराबी से असंतोष व्याप्त था, जिसके चलते यह त्वरित कार्रवाई की गई। हालांकि, न तो सिंह ने और न ही कार्मिक विभाग ने इस पर कोई टिप्पणी की।
सोशल मीडिया पर फैली अफवाहों में कहा गया कि महिला आईएएस अधिकारी ने जानबूझकर तार काटा या माइक में पानी डालकर तोड़फोड़ की कोशिश की, जिसके कारण मिनटों में एक्शन लिया गया। लेकिन विश्वसनीय समाचार स्रोतों में ऐसी कोई जानकारी नहीं है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह एक सामान्य तकनीकी खराबी थी, जो बड़े आयोजनों में कभी-कभी होती है, लेकिन उच्च-स्तरीय कार्यक्रम होने के कारण जिम्मेदार अधिकारी पर सख्ती बरती गई। अर्चना सिंह इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एमएससी हैं और राज्य में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, प्रौद्योगिकी कार्यान्वयन जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुकी हैं।
राजस्थान प्रशासनिक सेवा में यह घटना चर्चा का विषय बनी हुई है, क्योंकि यह एक वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ दुर्लभ त्वरित कार्रवाई है। विभाग ने अभी तक कोई आधिकारिक जांच या विस्तृत स्पष्टीकरण जारी नहीं किया है, लेकिन सूत्र बताते हैं कि नया पद सौंपने से पहले समीक्षा हो सकती है। इस घटना ने राज्य की नौकरशाही में सतर्कता बढ़ा दी है, खासकर पीएम के दौरे जैसे उच्च-प्रोफाइल आयोजनों के लिए।

