परिजनों के मुताबिक, रामस्वरूप और आरोपी पक्ष के बीच करीब छह बीघा जमीन को लेकर पुराना विवाद चल रहा था। रविवार को विवाद दोबारा भड़क गया, जब आरोपी पक्ष ने अचानक हमला बोल दिया। पहले लाठी-डंडों से पीटाई की गई, फिर थार जीप से रामस्वरूप को कुचल दिया गया। घायल किसान को गंभीर हालत में गुना के जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। हमले के दौरान डराने-धमकाने के लिए हवाई फायरिंग भी की गई।
रामस्वरूप की पत्नी और बेटियों ने बताया कि जब वे पति-पिता को बचाने दौड़ीं, तो आरोपी दबंगों ने नाबालिग लड़कियों के साथ दुर्व्यवहार किया। कपड़े फाड़े गए, हाथ-पैर पकड़े गए और गालियां दी गईं। परिवार ने आरोप लगाया कि महेंद्र नागर, जो स्थानीय स्तर पर बीजेपी से जुड़े बताए जाते हैं, ने सत्ता के दबाव में यह सब किया। परिवार ने कहा, “हमारी जमीन पर कब्जा करने का विरोध किया तो हमें सजा दे दी। मेरी बेटियां अभी नाबालिग हैं, उनका यह हाल देखकर इंसानियत शर्मसार हो गई।”
पुलिस ने परिजनों की शिकायत पर हत्या, मारपीट, महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार और आर्म्स एक्ट की धाराओं में 14 नामजद आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। एसपी गुना संजय कुबेर ने बताया कि आरोपी फरार हैं और उनकी तलाश के लिए टीमें गठित की गई हैं। “घटना की गहन जांच चल रही है। जमीन विवाद की वजह से यह झड़प हुई, लेकिन हत्या का प्रयास बर्दाश्त नहीं होगा। इलाके में शांति बनाए रखने के लिए पुलिस फोर्स तैनात है।”
विपक्षी दलों ने इस घटना को “जंगलराज” करार देते हुए बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस नेता जितु पटवारी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा, “गुना में किसान की हत्या और बेटियों का अपमान भाजपा राज की सच्चाई है। न्याय मिलना चाहिए।” वहीं, बीजेपी ने अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
यह घटना मध्य प्रदेश में जमीनी विवादों से जुड़ी हिंसा की एक कड़ी जोड़ती है, जहां दबंगों द्वारा किसानों पर अत्याचार के कई मामले सामने आते रहे हैं। परिवार न्याय की गुहार लगा रहा है, जबकि गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है।

