Humanity shamed in Bareilly: उत्तर प्रदेश के बरेली में मानवता को शर्मसार करने वाली एक घटना सामने आई है। पीलीभीत बाईपास स्थित एक निजी अस्पताल में सड़क हादसे में घायल हुए युवक की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन ने बकाया बिल का भुगतान न होने पर बेटे का शव देने से इनकार कर दिया। मजबूर पिता को सड़क पर भीख मांगकर पैसे जुटाने पड़े, तभी शव सौंपा गया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद लोग सन्न रह गए।
मामला बदायूं जिले के थाना हजरतपुर क्षेत्र के गांव नगरिया कला का बताया जा रहा है। पीड़ित पिता श्यामलाल का बेटा धर्मवीर सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गया था। परिजनों ने उसे तुरंत बरेली के पीलीभीत बाईपास पर स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां करीब 16 दिनों तक इलाज चला। इस दौरान परिजनों ने अस्पताल को लगभग ढाई लाख रुपये का भुगतान कर दिया।
लेकिन युवक की मौत के बाद अस्पताल प्रबंधन ने अतिरिक्त ढाई लाख रुपये की मांग की। आरोप है कि बकाया राशि न चुकाने पर स्टाफ ने शव सौंपने से साफ मना कर दिया। गरीब परिवार के लिए इतनी बड़ी रकम जुटाना मुश्किल था। मजबूरी में पिता श्यामलाल सड़क किनारे भीख मांगने लगे। वायरल वीडियो में वे लोगों से मदद की गुहार लगाते नजर आ रहे हैं।
वीडियो वायरल होने के बाद मामला प्रशासन और पुलिस के संज्ञान में आया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की और दबाव बनाकर शव परिजनों को सौंपवाया। फिलहाल, अस्पताल प्रबंधन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन ऐसे मामले निजी अस्पतालों की मनमानी और गरीब मरीजों के साथ होने वाले व्यवहार पर सवाल उठा रहे हैं।
यह घटना एक बार फिर स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की जरूरत को उजागर करती है। गरीब परिवारों के लिए इलाज के बाद शव तक ले जाना मुश्किल बन जाना कितना दर्दनाक है, यह बरेली की यह कहानी बयां कर रही है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और दोषियों पर कार्रवाई की उम्मीद है।

