नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में किस तरह से कब्जा करते हैं भूमाफिया, पूरी खबर पढ़िए और समझिए

Land Fraud In Noida:  नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में जमीन के रेट लगातार बढ़ते जा रहे हैं। नोएडा में जमीन के रेट आम व्यक्ति की पहुँच से काफी दूर हो चूके हैं। चाहे प्राधिकरण से जमीन खरीदना हो या फिर बाजार से री सेल में खरीदी जाए। करोड़ों रुपए सो वर्ग मीटर के प्लॉट के चुकाने पड़ते हैं। ग्रेटर नोएडा में भी जमीन के रेट कुछ कम नहीं बल्कि आजकल बढ़ते जा रहे हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण भी नोएडा प्राधिकरण की तरह ही ई ऑक्शन प्रणाली पर आगे बढ़ रहा। ई ऑक्शन के तहत कोई भी व्यक्ति किसी भी भूखंड पर कितने रुपए भी बोली लगा सकता है। ऐसे में जिन लोगों के पास सीमित धन है वो अपना हाथ खींच लेते हैं। यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में आवासीय और ओद्यौगिक भूखंड लेने वालों की कतार लगातार लंबी होती जा रही है। प्रॉपर्टी बाजार में यमुना प्राधिकरण का क्षेत्र इस वक्त काफी हॉट बना हुआ है। ऐसे में यह भी जमीन खरीदना बेहद मुश्किल है। इसीलिए जो लोग नोएडा-ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में घर बनाने का सपना देखते हैं वो भू माफियाओं के चंगुल में आसानी से आ जाते हैं। दरअसल भू माफिया डूब क्षेत्र में या प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में छोटे छोटे भूखंड कॉलोनियों बनाकर बेच डालते हैं।

कैसे होता है अवैध कॉलोनियों का काम

सबसे जरूरी है ये जानना कि अवैध कॉलोनियों के काटने का काम कैसे होता है। सबसे पहले भू माफिया देखते हैं कि किस जमीन पर प्राधिकरण ने मुआवजा दिया है या नहीं। यदि जमीन का किसान ने मुआवजा नहीं लिया तो किसान से खेत का कुछ बयाना देकर सौदा कर लेते है। फिर प्रशासन के अधिकारियों से साठगांठ करके उस जमीन को निचले स्तर पर ही आबादी में दर्ज कराया जाता है फिर उस पर प्लॉटिंग शुरू हो जाती है। वक्त रहते प्राधिकरण के अफसर गहरी नींद में होते हैं। जब भोले भाले लोग इस जमीन को खरीद लेते हैं। तब शुरू हो जाता है बुलझोजर चलने का ड्रामा। बुलडोजर चलता है और गरीबों के सपने चकना चूर हो जाते है।

क्यों चुप रहते हैं अफसर
सवाल ये भी उठता है कि जब प्राधिकरण का अधिसूचित क्षेत्र है तो अफसर क्यों चुप रह जाते हैं। जवाब यही ये अफसरों को पता होता है लेकिन उनकी भी जेब भर रही होती। सुप्रीम कोर्ट ने भी माना नोएडा प्राधिकरण में भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार फैला है। नोएडा के गांव बरौला, सलारपुर, हाजीपुर सोरखा, सर्फाबाद आदि गांवों में प्राधिकरण की जमीन पर भू माफियाओं ने कब्जे किया है और बेच डाली। आज कल नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे के गांवों में ये सब हो रहा है।

ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण छेत्र में तेजी से बस रहीं कॉलोनियां

ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में लगातार भूमाफिया दूसरों की जमीन पर कब्जा करके कॉलोनाइजरों के साथ अवैध रूप से प्लॉटिंग कर रहे हैं। इनकी शिकायतें भी होती है। मगर कार्रवाई के नाम पर ढाक के तीन पात। कॉलोनाइजर खुलकर जेवर एअरपोर्ट के नाम पर कालोनियां काटकर बेच रहे हैं। दिल्ली व तमाम उन इलाकों से लोगों को अपनी गाड़ियों से ही लाकर जमीन दिखाते हैं और प्लॉट बेच देते है। दिखावटी रूप से प्राधिकरण अफसर कभी कभी कार्रवाई करते नजर आते हैं। यदि आप कोई भूखंड खरीद रहे हैं तो जांच पड़ताल करना बहुत ज़रूरी है। जय हिन्द जनाब ऐसे ही कई कॉलोनाइजरों की साइट पर जाकर जानने की कोशिश की कि वो किस आधार पर लोगों को संतुष्ट कर जमीन बेचते हैं। दरअसल ज्यादातर कॉलोनाइजरों ने तहसीलदार स्तर का पत्र हाथ में रखा है और बताते हैं कि ये जमीन आबादी में दर्ज है, इसलिए इस जमीन का प्राधिकरण से कोई लेना देना नहीं। ग्रेटर नोएडा में भी ठीक ऐसे ही अलग अलग गांव अपने देखने को मिल रहा है। खासतौर से सैनी सुनपुरा आमका, वैदपुरा तथा ग्रेनो वेस्ट के अन्य गांव है। जहाँ जमकर कॉलोनी काटी जा रही है।

 

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