नोएडा और ग्रेटर नोएडा का सरिया-स्क्रैप माफिया रवि काना मुकदमा दर्ज होने से करीब 10 दिन पहले ही फरार हो गया था। सवाल यही है कि उसको पुलिस की और से इस बात की सूचना किसने दी। सूत्रों की मानें तो पुलिस की कई अफसर उसके टच में थे जो उसको सूचना दे रहे होंगे। बताया जा रहा है कि रवि काना पहले ही एहसास हो गया था कि अब उस पर पुलिस कानून का शिकंजा कसने वाला है। नोएडा के थाना सेक्टर 39 में 30 दिसंबर को गैंग रेप का केस दर्ज हुआ। अगले दिन 31 दिसंबर को बीटा दो कोतवाली में गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ। ऐसे में कई चैंकाने वाली बात प्रकाश में आई है।
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शहर छोड़ कर कब भागा रवि
ब्ताया जा रहा है कि 30 दिसंबर को दर्ज हुए रिपोर्ट दर्ज से दस दिन पहले 21 दिसंबर को रवि काना शहर छोड़कर फरार हो गया था। इसकी पुष्टि उसकी सुरक्षा में तैनात रहे दिल्ली पुलिस के पुलिसकर्मियों ने कुछ करीबियों ने दबी जुबान से की है। बता दें कि पुलिस सुरक्षा में रवि रहता तो पुलिस उसको कभी भी गिरफ्तार
क्र सकती थी। गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद पुलिस रवि की तलाश में जुट गई। उसकी तलाश में चार से अधिक टीमें लगी है। चर्चा यह भी है कि रवि काना विदेश चला गया है। उसके दुबई में छिपे होने की आशंका जताई जा रही है। वहीं गैंग के सरगना रवि के अलावा उसकी पत्नी मधु महिला मित्र एवं उसके काले धंधे चलाने वाली काजल समेत आठ आरोपित अभी भी फरार है। दिल्ली के न्यू फ्रेंडस कालोनी स्थित घर में जहां रवि रहता था। उसकी अंतिम लोकेशन वहा पर 21 दिसंबर की थी। इसके बाद से उसका कुछ अता पता नहीं है। हालांकि रवि की गिरफ्तारी पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है।
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गिरोह में शामिल है ये लोग
गैंग सरगना रवि काना, राजकुमार नागर, तरून छोंकर, अमन, विशाल, अवध उर्फ बिहारी उर्फ अमर सिंह, महकी नागर उर्फ महकार, अनिल, विक्की, अफसार, राशिद अली, आजाद नागर, प्रहलाद, विकास नागर, काजल झा व रवि की पत्नी मधु। सभी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज है।
बीटा 2 कोतवाली पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट के केस में रवि के चालक प्रहलाद को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि स्क्रैप माफिया चालक प्रहलाद के नाम पर भी ठेके लेता था। उससे पूछताछ के दौरान पुलिस के हाथ चैंकाने वाले सुराग लगे है। प्रहलाद मूल रूप से आगरा के बड़ा गांव का रहने वाला है। पुलिस ने प्रहलाद से रवि के ठिकाने के संबंध में भी पूछताछ की, लेकिन वह कुछ भी बता पाने में असमर्थ रहा।