70 करोड़ रुपये ठगने वाले को कैसे मिल गई 5 दिन में जमानत, नोएडा पुलिस के एसीपी और कोतवाल संदेह के घेरे में
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70 करोड़ रुपये ठगने वाले को कैसे मिल गई 5 दिन में जमानत, नोएडा पुलिस के एसीपी और कोतवाल संदेह के घेरे में

Noida News: नोएडा पुलिस खुद की तारीफ काफी करती है और अच्छे काम के लिए हो भी चाहिए। पुलिस का एक ऐसा मामला सामने आया है सुनेंगे तो हैरान हो जाएंगे दरअसल ₹70 करोड़ की ठगी करने वाले को महज पांच दिनों में जमानत मिल गई। वो भी पुलिस की मेहरबानी के कारण, जब शिकायत लखनऊ में हुई तो जांच अधिकारी यानी आईओ को सस्पेंड कर दिया गया। एसीपी और कोतवाल दोनों संदेह के घेरे में।

आईओ की मदद से छूट गया 70 करोड़ रूपए ठगने वाला
आरोप है कि 70 करोड़ से भी अधिक की ठगी करने वाले ठग की जांच में ढील दी गई है। यूपी एसटीएफ की टीम ने 7 सितंबर 2024 को 70 करोड़ रूपए की ठगी करने वाले विनोद कुमार धामा तथा रविन्द्र उर्फ नवाब को गिरफ्तार किया था। दोनों ठगों को एसटीएफ ने नोएडा के सेक्टर-63 थाने के माध्यम से जेल भेजा थ। इस मामले की जांच का काम नोएडा के सेक्टर-63 थाने के दरेागा दीपक दीक्षित को सौंपा गया था।

आरोप है कि नोएडा के आईओ दीपक दीक्षित ने महाठग विनोद धामा को अदालत से आसानी से जमानत दिलवा दी। आरोपों में बताया गया है कि नोएडा पुलिस के आईओ दीपक दीक्षित ने अदालत में अपराधी की क्रिमिनल हिस्ट्री पेश नहीं की। जिस समय अदालत में 70 करोड़ रूपए के ठग की सुनवाई चल रही थी उस समय नोएडा पुलिस का यह दरोगा दीपक दीक्षित अदालत में गया ही नहीं। अदालत में लचर पैरवी के कारण 70 करोड़ रूपए की ठगी करने वाले महाठग विनोद धामा को जमानत मिल गई। इस पूरे मामले की जानकारी नोएडा की पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह को दी गई। पुलिस कमिश्नर के निर्देश पर नोएडा के सेक्टर-63 थाने में तैनात एसआई दीपक दीक्षित को सस्पेंड कर दिया गया है। साथ ही नोएडा के सेक्टर-63 थाने के कोतवाल के विरूद्ध विभागीय जांच शुरू कर दी गयी है। आरोप है कि इस मामले में नोएडा के सेक्टर-63 थाना क्षेत्र के एसीपी की भी मिलीभगत है। आरोपों में कहा गया है कि एसीपी की मिलीभगत के बिना इतने बड़े मामले में दरोगा अपने स्तर से लीपापोती नहीं कर सकता।

लालच देकर पैसा निवेश कराते थे

इस मामले में ठगी का आरोपी विनोद कुमार धामा तथा उसके साथी रविन्द्र उर्फ नवाब को एसटीएफ की टीम ने पकड़ा था। ैज्थ् के ।ैच् ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया कि हमें पता चला था कि विनोद कुमार धामा तथा उसके साथी जनता के व्यक्तियों से धोखाधडी कर टैऊडिंग शेयर के नाम से मोटी रकम लेकर उन्हें लालच देकर पैसा निवेश कराते हैं और ज्यादा पैसा खाते में हो जाने के बाद कम्पनी बन्द कर देते हैं तथा किसी दूसरे स्थान पर नये नाम से कम्पनी बना लेते हैं। इनके द्वारा पूर्व में भी कल्प वृक्ष टैऊडिंग मास्टर टैक्नोलोजी प्रा0लि0 के नाम से नोएडा के एच-87, सेक्टर-63 में तथा हाट सिक्योरिटी लि0 व आयुर्वेद इण्डिया लि0 के नाम से गाजियाबाद में भी टै्रडिंग फर्म खोली थी, जिसमें करोड़ो का निवेश होने के बाद कम्पनी बन्द कर ये ठग इंदिरापुरम में छिपे हुये थे।

 

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