ऑपरेशन सिंदूर का संक्षिप्त इतिहास
‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत की सेना द्वारा मई 2025 में चलाया गया एक महत्वपूर्ण सैन्य अभियान था। यह अभियान अप्रैल 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था। 22 अप्रैल को पाकिस्तान समर्थित ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) के आतंकियों ने गांव पर हमला कर 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या कर दी थी। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया था। जवाब में भारतीय वायुसेना ने 7 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर सटीक मिसाइल हमले किए। ‘सिंदूर’ शब्द का चयन विधवाओं के शोक और राष्ट्रीय दुख का प्रतीक बनाया गया था, जो भारतीय सेना के आधिकारिक लोगो में भी झलकता है।
घड़ी का डिजाइन और उपलब्धता
एचएमटी की ‘ऑपरेशन सिंदूर’ सीरीज में जेजीएसएल-01 मॉडल प्रमुख है, जिसकी कीमत मात्र 2,400 रुपये रखी गई है। यह घड़ी स्टील-टोन ब्रास केस, सफेद या लाल डायल, और काले लेदर स्ट्रैप के साथ आती है। इसका खास आकर्षण सुइयों का केंद्र भाग है, जो सिंदूर दान के आकार का है, और डायल के दाईं ओर रंगीन धारा का प्रतीक जो ऑपरेशन के पीछे की भावना को प्रदर्शित कर रहा है। कंपनी का दावा है कि यह सीरीज “समय और गर्व का संगम” है, जो देश के नायकों की बहादुरी को अमर बनाती है। यह लिमिटेड एडिशन सीरीज स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त 2025) पर लॉन्च की गई थी और अब एचएमटी के आधिकारिक स्टोर्स तथा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है।
मंत्रालय ने इसे “राष्ट्र की ताकत और सटीकता का उत्सव” बताते हुए ट्वीट किया था, जिसमें सीएमडी राजेश कोहली द्वारा लॉन्च का जिक्र था।
सोशल मीडिया पर विवाद
लॉन्च के बाद से एक्स (पूर्व ट्विटर) और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर घड़ी को लेकर दोहरी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। जहां कुछ यूजर्स इसे “राष्ट्रभक्ति का प्रतीक” बता रहे हैं—जैसे एक यूजर ने लिखा, “ऑपरेशन सिंदूर एचएमटी वॉचेज। कौन सा कलर पसंद है?”—वहीं बहुमत ने डिजाइन की आलोचना की है। नेटिजंस का कहना है कि सिंदूर के ‘फूटने’ का मोटिफ खून के छींटों जैसा लगता है, जो पहलगाम हमले की त्रासदी पर व्यावसायिक फायदा उठाने जैसा है।
कुछ प्रमुख टिप्पणियां:
• “क्या यह जश्न मनाने का विषय है? लोगों ने अपनी जानें गंवाईं।”
• “साल की सबसे भयानक घड़ी डिजाइन का अवॉर्ड… ब्लड स्टेन्स डायल पर?”
• “युद्ध पर घड़ी बनाना गलत और अनावश्यक लगता है। यह सम्मान कम, प्रोपगैंडा ज्यादा है।”
• “लीजेंडरी ब्रैंड से ऐसी उम्मीद नहीं थी। त्रासदी से मुनाफा कमाना बंद करो।”
कलेक्टर फोरम्स पर भी इसे “सस्ता” और “गिमिक” बताया जा रहा है, जहां सुझाव दिया गया कि अधिक सूक्ष्म ट्रिब्यूट बेहतर होता। दिसंबर 2025 में रिलीज के बाद भी बहस जारी है, और कुछ यूजर्स ने इसे एचएमटी के शोरूम से खरीदकर शेयर किया है।
एचएमटी का पक्ष
कंपनी का कहना है कि यह सीरीज “बहादुरी और बलिदान को सलाम” है, जो एचएमटी की परंपरा—जैसे ‘जनता’ मॉडल—के अनुरूप है। मंत्रालय ने इसे सीपीएसई की पहल के रूप में सराहा है। हालांकि, विवाद के बीच एचएमटी ने अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
यह लॉन्च न केवल एचएमटी की घड़ी बाजार में वापसी को दर्शाता है, बल्कि राष्ट्रीय घटनाओं को उत्पादों से जोड़ने की नई प्रवृत्ति को भी उजागर करता है। क्या यह ट्रेंड देशभक्ति को मजबूत करेगा या संवेदनाओं को ठेस पहुंचाएगा? यह बहस जारी रहेगी।

