पीएमओ का ऐतिहासिक परिवर्तन, ‘सेवातीर्थ’ बनेगा नया नाम

Sevatirtha/PMO News: मोदी सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के नाम और स्थान में ऐतिहासिक बदलाव का ऐलान किया है। दशकों से दक्षिण ब्लॉक में स्थित पीएमओ अब ‘सेवातीर्थ’ के नाम से जाना जाएगा। यह नया नाम सत्ता से सेवा की भावना को मजबूत करने का प्रतीक है, जैसा कि पीएमओ ने खुद ट्वीट में कहा, “हम सत्ता से सेवा की ओर बढ़ रहे हैं।” यह बदलाव केंद्रीय विस्टा प्रोजेक्ट के तहत विकसित एग्जीक्यूटिव एन्क्लेव-1 में बने आधुनिक परिसर का हिस्सा है, जहां हाईटेक सुविधाओं से सरकारी कामकाज को नई गति मिलेगी।

नया परिसर
सेंट्रल विस्टा प्रॉजेक्ट के अंतर्गत वायु भवन के पास स्थित इस नए कॉम्प्लेक्स में तीन भव्य इमारतें हैं। ‘सेवातीर्थ-1’ पीएमओ का मुख्यालय बनेगी, जबकि ‘सेवातीर्थ-2’ में कैबिनेट सेक्रेटेरिएट और ‘सेवातीर्थ-3’ में नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (एनएसए) का कार्यालय होगा। यह शिफ्टिंग दशकों बाद हो रही है और पहले ही शुरू हो चुकी है। हाल ही में 14 अक्टूबर को कैबिनेट सेक्रेटरी टीवी सोमनाथन ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और तीनों सेना प्रमुखों के साथ सेवातीर्थ-2 में महत्वपूर्ण बैठक की, जो नए परिसर के सक्रिय होने का संकेत देती है।

ये इमारतें पूरी तरह हाईटेक होंगी, जिसमें डिजिटल फाइलिंग सिस्टम, एआई-आधारित निर्णय प्रक्रिया और पर्यावरण-अनुकूल डिजाइन शामिल हैं। इससे फाइलों का निपटारा तेज होगा और नीतिगत फैसले अधिक कुशलतापूर्वक लिए जा सकेंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव न केवल प्रशासनिक सुधार लाएगा, बल्कि औपनिवेशिक निशानों को मिटाने की दिशा में भी एक कदम है।

अन्य नाम परिवर्तनों का सिलसिला
पीएमओ के नाम बदलाव के साथ ही सरकार ने अन्य महत्वपूर्ण संस्थानों के नाम भी बदले हैं। देशभर के राजभवनों को अब ‘लोकभवन’ कहा जाएगा, जो लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देगा। केंद्रीय सचिवालय का नाम ‘कर्तव्य पथ’ हो गया है। पहले ही प्रधानमंत्री आवास को ‘लोक कल्याण मार्ग’ और राजपथ को ‘कर्तव्य पथ’ नाम दिया जा चुका था। गृह मंत्रालय के निर्देश पर पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम, उत्तराखंड, ओडिशा, गुजरात और त्रिपुरा जैसे राज्यों ने अपने राजभवनों का नाम बदल लिया है। लद्दाख के उपराज्यपाल निवास को ‘लोक निवास’ नाम मिला है।

ये बदलाव औपनिवेशिक मानसिकता से मुक्ति का प्रतीक हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हालिया बयानों में जोर दिया है कि “सेवा ही हमारा मंत्र है।” सोशल मीडिया पर यह खबर वायरल हो रही है, जहां यूजर्स इसे सराहना के साथ-साथ विकास पर अधिक फोकस की मांग भी कर रहे हैं।

जनता की प्रतिक्रिया
एक्स (पूर्व ट्विटर) पर #SevaTeerth ट्रेंड कर रहा है। आजतक और जी न्यूज जैसे चैनलों ने लाइव अपडेट्स दिए, जबकि कुछ यूजर्स ने नाम बदलाव को सकारात्मक बताया तो अन्य ने इसे “नामों का खेल” कहकर विकास कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने की अपील की। एक यूजर ने लिखा, “बधाई हो, लेकिन यूपी में बिजली विभाग का निजीकरण कब?” यह बदलाव निश्चित रूप से भारत के प्रशासनिक इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ेगा।
यह कदम सरकार की आधुनिकीकरण और सेवा-उन्मुख शासन की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। आने वाले दिनों में सेवातीर्थ से निकलने वाले फैसले देश की दिशा तय करेंगे।

यहां से शेयर करें